क्या धर्मस्थल केस में शिकायतकर्ता चिन्नैया को मिली जमानत?

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क्या धर्मस्थल केस में शिकायतकर्ता चिन्नैया को मिली जमानत?

सारांश

मंगलुरु की अदालत ने धर्मस्थल केस के शिकायतकर्ता चिन्नैया को जमानत दे दी है। इस मामले में चिन्नैया ने गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे पूरे कर्नाटक में हलचल मच गई थी। जानें इस मामले की सभी महत्वपूर्ण बातें और अदालती प्रक्रिया के बारे में।

Key Takeaways

  • चिन्नैया को जमानत मिली है, जो 12 शर्तों के साथ है।
  • इस केस में उठाए गए आरोप गंभीर हैं और पूरे कर्नाटक में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
  • एसआईटी ने चिन्नैया को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
  • सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जांच की मांग की गई है।
  • चिन्नैया को दी गई सुरक्षा अब वापस ले ली गई है।

मंगलुरु, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मंगलुरु जिले की स्थानीय अदालत ने धर्मस्थल केस के शिकायतकर्ता चिन्नैया को सोमवार को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। इस मास्क मैन के नाम से चर्चित व्यक्ति को जमानत मिल गई है।

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चिन्नैया को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

जैसे ही एसआईटी ने बेलथांगडी कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, चिन्नैया ने जमानत की याचिका दायर की। मंगलुरु जिला अदालत ने उसकी याचिका को स्वीकार कर लिया।

अदालत ने 12 शर्तों के साथ जमानत दी, जिसमें 1 लाख रुपये का बॉंड भरना भी शामिल है।

एसआईटी ने चिन्नैया को—जिन्हें मास्क मैन कहा जाता है—23 अगस्त को कथित धर्मस्थल हत्या मामले में गिरफ्तार किया था।

उसे मामले के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि 22 अगस्त को उससे 15 घंटे की पूछताछ के बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि वह गुमराह कर रहा था।

11 जुलाई को एक महत्वपूर्ण क्षण में, चिन्नैया—जो तब एक अनजान शिकायतकर्ता के रूप में जाने जाते थे—मंगलुरु की एक अदालत में पेश हुए और अपना बयान दर्ज कराया।

उन्होंने दावा किया कि उन्हें धर्मस्थल में बलात्कार और हत्या की गई महिलाओं और लड़कियों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।

उन्होंने आग्रह किया कि उनकी उपस्थिति में शव निकाले जाएं और आरोप लगाया कि पीड़ितों पर यौन उत्पीड़न के स्पष्ट संकेत थे। उनके अनुसार सभी शव निर्वस्त्र थे और हिंसक यौन उत्पीड़न के निशान स्पष्ट थे।

इन खुलासों ने पूरे कर्नाटक में हलचल मचा दी थी।

दावों के बाद, सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और कई कार्यकर्ताओं ने कथित धर्मस्थल हत्या की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की थी।

इसके अतिरिक्त, चिन्नैया (जो तब व्हिसलब्लोअर के नाम से जाने जाते थे) ने कथित तौर पर एक खोपड़ी एसआईटी को सौंपी थी—जो कथित तौर पर एक कब्रिस्तान से मिली थी।

मास्क मैन को विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सुरक्षा प्रदान की गई थी और आवश्यक सुविधाएं दी गई थीं। हालांकि, पुलिस सूत्रों ने अब पुष्टि की है कि एक्ट के तहत दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मामले को निष्पक्षता से देखें। धर्मस्थल केस में उठाए गए आरोप गंभीर हैं और इससे जुड़े सभी पक्षों को न्याय और समानता का पूरा अवसर मिलना चाहिए। अदालत का निर्णय और एसआईटी की जांच से यह स्पष्ट होगा कि आगे की कार्रवाई क्या होगी। हमें इस मामले को ध्यानपूर्वक देखना होगा।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

धर्मस्थल केस क्या है?
धर्मस्थल केस एक हत्या और बलात्कार से जुड़े मामलों का समूह है, जिसमें शिकायतकर्ता चिन्नैया ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
चिन्नैया को जमानत क्यों मिली?
चिन्नैया को जमानत इसलिए मिली क्योंकि अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें 12 शर्तें थीं।
एसआईटी ने चिन्नैया को क्यों गिरफ्तार किया?
एसआईटी ने चिन्नैया को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस केस से कर्नाटक में क्या हलचल मची?
चिन्नैया के आरोपों ने पूरे कर्नाटक में सनसनी फैला दी थी और कई कार्यकर्ताओं ने जांच की मांग की थी।
क्या चिन्नैया को सुरक्षा मिली थी?
हां, चिन्नैया को विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब यह सुरक्षा वापस ले ली गई है।
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