क्या छात्रों संग बेंच पर बैठे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'विकसित भारत बिल्डाथॉन' शुरू किया?

सारांश
Key Takeaways
- धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों के साथ संवाद किया।
- 'विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025' का शुभारंभ किया गया।
- देशभर के 25 लाख छात्र इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
- नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
- 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी मिली।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को एक ‘छात्र’ के रूप में सामने आए। यह घटना दिल्ली छावनी के केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 के दौरे के दौरान हुई, जहाँ उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर, धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों के साथ मिलकर शिक्षा की बारीकियों को नजदीक से देखा।
उन्होंने 'विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025' का शुभारंभ भी किया, जिसमें देशभर के 25 लाख से अधिक छात्र भाग ले रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान कक्षा 1 के छात्रों के साथ बेंच पर बैठ गए और उनके साथ मिलकर अंकों का पाठ समझा। उन्होंने बच्चों की जिज्ञासाओं को सुना और शिक्षकों से शिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बच्चों की सादगी और सीखने की उत्सुकता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक हैं और नई पीढ़ी को संस्कारों के साथ आधुनिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने 'नवाचार आधारित शिक्षण' और 'आनंदमय शिक्षा' को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
'विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025' देश का सबसे बड़ा स्कूल इनोवेशन हैकथॉन है, जिसका उद्देश्य छात्रों में नवाचार, रचनात्मकता और आत्मनिर्भर सोच को प्रोत्साहित करना है। इसमें करीब 3 लाख स्कूलों के 25 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए हैं। यह पहल अटल इनोवेशन मिशन और नीति आयोग के सहयोग से शुरू की गई है। इसका उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक मंच प्रदान करना है, जहाँ वे देश के विकास की चुनौतियों के समाधान अपने नवीन विचारों और तकनीकी कौशल के माध्यम से प्रस्तुत कर सकें।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह भव्य आयोजन विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्वदेशी और समृद्ध भारत जैसे अभियानों से जोड़ते हुए राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पहल के माध्यम से छात्रों को स्थानीय और व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा, जिससे नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और भारत के विकसित राष्ट्र बनने के विजन 'विकसित भारत 2047' को गति मिलेगी।
वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विद्यालय विदेशों में मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिविल सेक्टर के तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 5,862 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने की उम्मीद है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा लिया गया। इन विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।