क्या दुनिया में डिजिटल डिटॉक्स ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है? जानिए इसकी आवश्यकता क्यों है
 
                                सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल डिटॉक्स मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- कुछ समय के लिए तकनीक से दूरी बनाना तनाव को कम करता है।
- परिवार और दोस्तों के साथ संवाद में सुधार होता है।
- सोशल मीडिया की तुलना से बचना जरूरी है।
- छोटे कदमों से शुरुआत करें।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान डिजिटल युग में, मोबाइल फोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। सुबह के पहले काम के रूप में फोन उठाना और रात में सोने से पहले सोशल मीडिया को स्क्रॉल करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। इसके परिणामस्वरूप, लोग तनाव, चिंता, नींद में कमी और ध्यान भटकने जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में डिजिटल डिटॉक्स का ट्रेंड तेजी से उभर रहा है।
डिजिटल डिटॉक्स का तात्पर्य है कुछ समय के लिए मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाना। इसका उद्देश्य है दिमाग और शरीर को स्क्रीन से ब्रेक देना ताकि व्यक्ति खुद से और अपने आस-पास की दुनिया से दोबारा जुड़ सके।
यह ट्रेंड विशेषकर युवा और कामकाजी लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि यही वर्ग दिनभर फोन, कंप्यूटर और ऑनलाइन मीटिंग्स में सबसे ज्यादा समय बिताता है।
लंबे समय तक स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित रखने से आँखों में जलन, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। बार-बार आने वाले नोटिफिकेशन और संदेश दिमाग को आराम नहीं लेने देते। सोशल मीडिया पर दूसरों की तुलना करने की आदत से तनाव और आत्मविश्वास में कमी भी बढ़ती है। रात में मोबाइल देखने से नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिससे अगले दिन सुस्ती और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।
डिजिटल डिटॉक्स इन सभी समस्याओं से राहत पाने का एक सरल उपाय है। जब आप कुछ घंटों या दिनों के लिए फोन और सोशल मीडिया से दूरी बनाते हैं, तो मन शांत होता है, ध्यान केंद्रित रहता है और परिवार तथा दोस्तों के साथ संवाद में सुधार होता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।
यदि आप भी डिजिटल डिटॉक्स करना चाहते हैं, तो छोटे कदमों से शुरुआत करें। जैसे दिन में कुछ घंटों के लिए मोबाइल को साइलेंट मोड पर रखें। भोजन के दौरान फोन को दूर रखें। सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप का इस्तेमाल बंद कर दें। सप्ताह में एक दिन सोशल मीडिया से पूरी तरह ब्रेक लें। प्रकृति में समय बिताएं, किताबें पढ़ें, योग या ध्यान करें।
डिजिटल युग में तकनीक से पूरी तरह दूरी बनाना शायद संभव नहीं, लेकिन उस पर नियंत्रण जरूर रखा जा सकता है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            