क्या दिग्विजय सिंह को मेरे पिता से सीख लेकर संन्यास लेना चाहिए? : निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी

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क्या दिग्विजय सिंह को मेरे पिता से सीख लेकर संन्यास लेना चाहिए? : निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी

सारांश

क्या दिग्विजय सिंह को अपने राजनीतिक करियर को खत्म करने का समय आ गया है? कांग्रेस नेता निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी उनके संघ की प्रशंसा करने वाले पोस्ट के बाद उन्हें संन्यास लेने की सलाह देती हैं। इस चर्चा में पार्टी के भीतर की राजनीति और विचारधाराओं का टकराव भी शामिल है।

Key Takeaways

  • दिग्विजय सिंह का संघ की तारीफ करना विवादास्पद हो सकता है।
  • निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने उन्हें संन्यास की सलाह दी है।
  • कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और संघ की विचारधारा में भिन्नता है।
  • पार्टी में एकता की आवश्यकता है।
  • नए नेताओं को अवसर देने की बात की गई है।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हाल ही में संघ की प्रशंसा करने वाली पोस्ट के चलते अपनी पार्टी में घेराबंदी का शिकार हो गए हैं। मध्य प्रदेश से कांग्रेस नेता निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को अब मार्गदर्शक की भूमिका में आना चाहिए और नई पीढ़ी को अवसर देना चाहिए।

निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि दिग्विजय सिंह ने संघ के संगठन की प्रशंसा की और बताया कि कैसे आम कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से लेकर पीएम तक बना। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई वोट चुराने वाली सरकार के खिलाफ है, एसआईआर को लेकर हम लगातार मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जिस तरह पोस्ट कर रहे हैं, क्या वे पार्टी लाइन से बाहर नहीं जा रहे हैं? यह पार्टी लाइन से अलग बात है। एक तो यह गलत है, दूसरी वे पार्टी के मुद्दों को नकार रहे हैं। जिन मुद्दों के लिए पार्टी लड़ रही है, उसे कमजोर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब यह उनके संगठन की ताकत के कारण नहीं था। वह अपने संगठन में हेरफेर करके, पार्टी के सीनियर नेताओं को किनारे करके प्रधानमंत्री बने। हम कह रहे हैं कि 2019 और 2024 में बनी सरकारें वोट चोरी, हेरफेर और धांधली की वजह से बनीं। क्या दिग्विजय सिंह पार्टी से इतने कटे हुए हैं कि वह पूरी तरह से पार्टी लाइन छोड़ रहे हैं? कांग्रेस पार्टी का संघर्ष विचारधारा पर आधारित है। हमारी विचारधारा समावेशी है, जबकि संघ की विचारधारा ध्रुवीकरण की है।

उन्होंने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनके पोस्ट पर नजर होती है। वरिष्ठ नेता होने के नाते उनका संघ संगठन की प्रशंसा करना शोभा नहीं देता। उन्हें जिम्मेदारी से बातें रखनी चाहिए। अगर कोई शिकायत है तो सुझाव दे सकते हैं। संगठन की बात करनी है तो अपने संगठन की करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से संघ की विचारधारा की तुलना नहीं की जा सकती है। दिग्विजय सिंह जिस जगह पर हैं, कांग्रेस में अगर एक कार्यकर्ता भी है, जैसा मैंने पहले भी कहा कि यही तो हमारी पार्टी की खूबसूरती है। हमारी पार्टी इतनी डेमोक्रेटिक है कि अगर आपको किसी से मिलना है, किसी को सुझाव देना है, या कोई शिकायत है, तो आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं।

निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता को ऐसी असुरक्षा नहीं होनी चाहिए। लेकिन हां, मैं यह भी कहना चाहूंगी कि अब हर चीज का एक समय होता है। एक समय आ गया है। उन्होंने पार्टी में बहुत योगदान दिया है। हम सब उनकी बहुत तारीफ करते हैं। इस चीज के लिए उनको बहुत साधुवाद है। भगवान करें कि वह हमें और मार्गदर्शन करते रहें।

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन का जिक्र करते हुए कहा कि वे संघ से जुड़े नहीं हैं और पहली बार भाजपा के इतिहास में संघ से जुड़ा व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बन रहा है।

Point of View

जब पार्टी एकता की आवश्यकता महसूस कर रही है, ऐसे बयानों से स्थिति और भी जटिल हो सकती है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

दिग्विजय सिंह ने संघ की तारीफ क्यों की?
दिग्विजय सिंह ने संघ के संगठन की ताकत और आम कार्यकर्ताओं के विकास की बात की है।
निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने किस सलाह दी है?
उन्होंने दिग्विजय सिंह को संन्यास लेकर मार्गदर्शक की भूमिका में आने की सलाह दी है।
क्या यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए हानिकारक है?
हां, यह विवाद पार्टी के भीतर असंतोष और विभाजन का संकेत दे सकता है।
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