क्या यहां खून बहेगा तो वहां पानी नहीं बहेगा? पाकिस्तान को भी ये बात समझ आ गई है: दिलीप घोष

सारांश
Key Takeaways
- दिलीप घोष ने पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया।
- खून और पानी का संदर्भ सुरक्षा की महत्वपूर्ण बातें दर्शाता है।
- घुसपैठियों के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- भारत की अर्थव्यवस्था की प्रगति को कुछ लोग पसंद नहीं करते।
मेदिनीपुर, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल से भाजपा के प्रमुख नेता दिलीप घोष ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले से कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
दिलीप घोष ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने बिल्कुल सही कहा है। पानी और खून कभी एक साथ नहीं बह सकते।"
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पहले भी कह चुके हैं कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते। अब तो पाकिस्तान भी इस बात को समझ गया है। अगर यहां खून बहेगा तो वहां पानी नहीं बहेगा।
दीपावली तक जीएसटी सुधारों पर उन्होंने कहा कि कई विभागों और क्षेत्रों में लोगों की ओर से जीएसटी कम करने की मांग उठी थी। जब जीएसटी पहली बार लागू किया गया था, तो इसकी कई बार समीक्षा की गई और विभिन्न स्थानों पर समायोजन किए गए। अब, सरकार को लगता है कि जीएसटी संग्रह लगभग 2,00,000 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है, इसलिए इस पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
घुसपैठियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि घुसपैठिए मतदाता सूचियों में शामिल होकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के जरिए वोटर आईडी प्राप्त कर लेते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ता है। इन घुसपैठियों के कारण स्थानीय प्रशासन पर बोझ बढ़ने के साथ कानून-व्यवस्था की चुनौतियां भी उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने कहा कि चुन-चुन कर घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए।
भारत की इकोनॉमी पर उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत आगे बढ़ चुकी है। पूरी दुनिया इसे मानती है, लेकिन देश के अंदर कुछ लोग भारत की तरक्की को पसंद नहीं करते। दुनिया भारत के सामने झुक रही है जबकि विपक्षी दल विदेशी गीत गाते हैं।