क्या कांग्रेस देश में गंगा-जमुनी तहजीब में जहर घोल रही है? दिलीप जायसवाल का बयान
सारांश
Key Takeaways
- दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति की आलोचना की है।
- गडकरी के विचारों का समर्थन करते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस गंगा-जमुनी तहजीब में जहर घोल रही है।
- कांग्रेस की ‘बांटो और राज करो’ नीति पर सवाल उठाया गया।
पटना, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस देश में गंगा-जमुनी तहजीब में जहर घोलने का काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस के धर्मनिरपेक्षता के विचार और उसकी वोटबैंक की राजनीति के कारण देश ‘हिंदू-मुस्लिम समस्याओं’ का सामना कर रहा है। इस पर गडकरी का समर्थन करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा, "कांग्रेस ने आजादी के समय से ही लगातार तुष्टीकरण की राजनीति की है।"
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में दिलीप जायसवाल ने कहा, "देश के बंटवारे के समय भी कांग्रेस नेताओं ने देश को बांटने में अहम भूमिका निभाई थी। आज भी कांग्रेस पूरे देश में गंगा-जमुनी तहजीब में जहर घोलने का काम करती है। कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुस्लिम समुदाय में डर पैदा करने और उन्हें भाजपा से अलग रखने की कोशिश की है। यही वजह है कि आज पूरे देश में भगवा विचारधारा आगे बढ़ी है।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की शुरू से ही ‘बांटो और राज करो’ की नीति रही है, लेकिन देश की जनता इस बात को समझ चुकी है और यही कारण है कि भगवा विचारधारा आगे बढ़ी है।
इस दौरान, दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री का चेहरा बताने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "यह राहुल गांधी के बारे में है, जिन्होंने 57 साल बेरोजगारी में बिताए। हालांकि, कांग्रेस के नेता नए-नए शिगूफे छोड़ने के प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने यह भी सवाल किया कि कोई भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री सिर्फ उनके परिवार से ही क्यों होना चाहिए? आम लोगों का हक है। जायसवाल ने कहा, "कांग्रेस को सीख लेनी चाहिए कि भाजपा में नितिन नबीन एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर कार्यकारी अध्यक्ष तक बने हैं।"