क्या पीएम मोदी 29 सितंबर को दिल्ली भाजपा के नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- 29 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन करेंगे।
- दिल्ली भाजपा का नया कार्यालय कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का प्रतीक है।
- यह कार्यालय संगठन को और मजबूती प्रदान करेगा।
- स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक कदम।
नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 सितंबर को दिल्ली भाजपा के नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी साझा की।
सचदेवा ने कहा कि 29 सितंबर का दिन हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। दिल्ली भाजपा का इतिहास वास्तव में गौरवमयी रहा है, जो जनसंघ के समय से जारी है। उस समय से दिल्ली का संगठन बहुत मजबूत माना जाता रहा है। हालांकि, लंबे समय तक दिल्ली भाजपा का कोई स्थायी कार्यालय नहीं था और यह समय-समय पर विभिन्न स्थानों से संचालित होता रहा।
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे पास ऐसा केंद्रीय नेतृत्व है, जिसके मार्गदर्शन में यह संभव हो सका। मैं उन सभी पुराने कार्यकर्ताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस पार्टी के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। अब दिल्ली भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को उनका स्थायी कार्यालय मिल गया है। यह नया कार्यालय दिल्ली भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो संगठन को और मजबूती देगा।
वीरेंद्र सचदेवा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 सितंबर को दिल्ली भाजपा के नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। यह पार्टी कार्यालय केवल एक कार्यालय नहीं है, बल्कि यह एक संस्कार केंद्र है जहां कार्यकर्ताओं का संस्कार पोषण होता है। प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन के पल का गवाह बनना हमारे लिए गर्व की बात होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के इस सफर में चुनौतियां भी थीं, संघर्ष भी था, लेकिन कार्यकर्ताओं की इच्छाशक्ति का परिणाम है कि जो हमने सपना देखा, वह अब साकार हो रहा है।
पीएम मोदी के विचारों पर उन्होंने कहा कि स्वदेशी के संकल्प के साथ हम अपने त्योहारों की रौनक को कई गुना बढ़ा सकते हैं। वोकल फॉर लोकल को खरीदारी का मंत्र बनाइए। पीएम मोदी के विचार वास्तव में प्रेरणादायक हैं।
उन्होंने हमें याद दिलाया कि जब हम अपने त्योहारों में स्थानीय उत्पादों को अपनाते हैं तो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है, बल्कि लाखों कारीगरों और छोटे उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलता है। स्वदेशी को अपना कर हम आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।