क्या दिल्ली में 'उदयपुर फाइल्स' की स्पेशल स्क्रीनिंग ने सच्चाई का सामना किया?

सारांश
Key Takeaways
- सच्चाई का सामना करने का साहस
- धर्म की अच्छाई और बुराई
- फिल्म का विवादास्पद पहलू
- कलाकारों की महत्वपूर्ण राय
- समाज में सच्चाई का महत्व
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म के अभिनेता और कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। 'उदयपुर फाइल्स' के निर्माता अमित जानी ने कहा कि यह फिल्म सच्चाई को दर्शाती है।
फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री प्रीति झंगियानी ने कहा, "यह फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित है और किसी को भी सच बोलने से डरना नहीं चाहिए। इसमें सच्चाई और धर्म की अच्छाई-बुराई दोनों को दर्शाया गया है। सभी को इसे देखना चाहिए।"
उदयपुर फाइल्स के निर्माता अमित जानी ने कहा, "विवाद इसलिए है क्योंकि अरशद मदनी नाम के मौलाना के चेहरे पर आतंकवाद का समर्थन करने का दाग है। हमारी फिल्म उस दाग को आईने की तरह दिखाती है। जो लोग सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते, वे इसे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे इस फिल्म की वजह से धमकियां भी मिली हैं। ऐसे लोग अब बेनकाब हो चुके हैं।"
फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "दंगाइयों को हमेशा दंगे ही नजर आते हैं। पहले की सरकारें उन्हें समर्थन देती रहीं, लेकिन अब भारत बदल चुका है।"
भजन गायक कन्हैया मित्तल ने कहा, "यह फिल्म सच्चाई को दर्शाती है और सभी को इसे देखने आना चाहिए।"
साध्वी आस्था ने कहा, "उदयपुर फाइल्स को बार-बार क्यों रोका गया? इससे पहले 'द केरल स्टोरी' और 'द कश्मीर फाइल्स' को भी रोका गया था।"
ये उदयपुर फाइल्स हत्याकांड पर आधारित है, जिसमें कन्हैया लाल की हत्या की गई थी।