क्या दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है।
- प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
- बाढ़ के खतरे को देखते हुए नोएडा भी अलर्ट पर है।
- जलस्तर की निगरानी के लिए ओल्ड रेलवे ब्रिज एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
- भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़ने से स्थिति गंभीर हुई है।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्लीवासियों के लिए यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर फिर से चिंता का विषय बन गया है। दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में हुई बेमौसम बारिश के साथ-साथ हिमाचल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गए पानी ने सोमवार को यमुना के जलस्तर में वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना बाजार क्षेत्र के लोहा पुल के पास स्थिति सबसे चिंताजनक है, जहाँ नदी का पानी तेज़ी से किनारों से बाहर निकलने लगा है। यमुना बाजार के निकट स्थित एक प्राचीन मंदिर का दृश्य अत्यंत चौंकाने वाला है, क्योंकि जलस्तर इतना ऊँचा पहुंच चुका है कि यह मंदिर अब लगभग डूबने की कगार पर है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन यमुना के जलस्तर पर लगातार ध्यान रख रहा है। सरकार और अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जलस्तर पर नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए जाएं।
दिल्ली के पास नोएडा में भी यमुना का जलस्तर बढ़ा है। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है। हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
आपको बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी का चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, खतरे का स्तर 205.3 मीटर और 206 मीटर पर निकासी की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। ऐसी स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यमुना के प्रवाह और बाढ़ के जोखिम को मापने के लिए ओल्ड रेलवे ब्रिज एक महत्वपूर्ण केंद्र है।