क्या दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कांस्टेबल करतार सिंह को बिना बारी के प्रमोशन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस की तत्परता और साहस को दर्शाता है।
- कांस्टेबल करतार सिंह का असाधारण प्रदर्शन।
- सुरक्षा बल के प्रति समाज का विश्वास बढ़ा।
- संदिग्धों की जल्दी पहचान और गिरफ्तारी।
- पुलिस की गश्त और अपराध रोकने की रणनीति।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कांस्टेबल करतार सिंह को बिना बारी के पदोन्नति दी है। यह प्रमोशन उन्हें एक सशस्त्र मुठभेड़ के बाद दिया गया, जिसमें उन्होंने एक कुख्यात अंतरराज्यीय डकैती गिरोह को पकड़ा।
पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा ने कांस्टेबल करतार सिंह को 1 अगस्त की तड़के एशियाड विलेज, हौज खास के निकट एक मुठभेड़ के दौरान असाधारण साहस, उत्कृष्ट बहादुरी और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए पदोन्नति दी।
पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में, पुलिस आयुक्त ने उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया। उन्होंने इस उपलब्धि पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई-1 अगस्त की रात, कांस्टेबल करतार सिंह को दक्षिण जिले के मालवीय नगर पुलिस चौकी में गश्त के लिए तैनात किया गया था। उन्होंने क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष ध्यान दिया।
सुबह लगभग 4 बजे, रात्रि गश्त के दौरान, कांस्टेबल करतार सिंह ने तीन संदिग्ध व्यक्तियों को मोटरसाइकिल पर देखा। जब उन्होंने चुनौती दी, तो संदिग्ध तेजी से भागने लगे। कांस्टेबल ने उनकी घेराबंदी की और 30 मिनट तक उनका पीछा किया। खेल गांव के पास, संदिग्धों ने उन्हें लोहे की छड़ों से हमला किया, लेकिन उनके हेलमेट ने उन्हें गंभीर चोट से बचा लिया।
कांस्टेबल करतार सिंह ने धैर्य बनाए रखा और आत्मरक्षा में एक नियंत्रित गोली चलाई, जिससे एक आरोपी के पैर में चोट लगी। बाद में तीनों को पकड़ लिया गया। मुठभेड़ के बाद, निजी सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस की मदद की। आरोपियों के पास से चोरी के उपकरण और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई। पूछताछ में उन्होंने चोरी की बात कबूल की और आगे की योजनाओं का भी खुलासा किया।