क्या दिनभर के काम के बाद आपकी आंखें थक गई हैं? इन आयुर्वेदिक नुस्खों से पाएं आराम

सारांश
Key Takeaways
- पैरों की मालिश से आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
- शीतोदक उपचार से दृष्टि में सुधार संभव है।
- गर्म पानी से नहाते समय तापमान का ध्यान रखें।
- योग और संतुलित भोजन आंखों के लिए आवश्यक हैं।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन पर समय बिताने से आंखें जल्दी थक जाती हैं और उनकी दृष्टि कमजोर होने लगती है। ऐसे में, आयुर्वेद के सरल और प्राकृतिक उपाय आपकी आंखों की सेहत के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं। ये उपाय न केवल आंखों को आराम देते हैं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायता करते हैं।
पहला उपाय है पदाभ्यंग यानी पैरों की मालिश। रोजाना पैरों की मालिश अंजीर या तिल के तेल से करें। इससे रक्त संचार में सुधार होता है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है, साथ ही विभिन्न प्रकार की आंखों की बीमारियों से भी बचाव होता है।
दूसरा उपाय है शीतोदक उपचार। इसके अंतर्गत, आप दिन में 2 से 4 बार मुंह में ठंडा पानी रख सकते हैं। इससे आंखों की रोशनी बनी रहती है और दृष्टि में सुधार होता है।
इसके अलावा, शीतल जल की कुछ बूंदें आंखों में डालना भी फायदेमंद है। दिन में 3-4 बार ठंडे पानी की कुछ बूंदें आंखों में डालने से आंखों को ठंडक मिलती है और दृष्टि बेहतर रहती है।
एक और आसान उपाय है पानी से गीले हाथों को आंखों पर रखना। इसके साथ ही हर भोजन के बाद हाथ धोना भी आवश्यक है। ये आदतें रिफ्रेक्टिव एरर्स, मोतियाबिंद जैसी समस्याओं से बचने में मदद करती हैं।
आंखों की सुरक्षा में नहाने की विधि भी बहुत प्रभावी है। रोजाना गर्म पानी से नहाना सही रहता है, लेकिन अगर सिर पर रोजाना बहुत गर्म पानी डालेंगे, तो यह आंखों की रोशनी को कमजोर कर सकता है। इसलिए सिर से स्नान करते समय पानी का तापमान संतुलित रखें।
आयुर्वेद यह भी सिखाता है कि आंखों की देखभाल केवल आंखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी जीवनशैली से जुड़ी है। समय पर सोना, संतुलित भोजन, योग और नियमित व्यायाम आंखों की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।