क्या जैसलमेर बस हादसे में 22 लोगों की मृत्यु और 13 घायल होना एक गंभीर चिंता का विषय है?

सारांश
Key Takeaways
- जैसलमेर में भयानक बस हादसा हुआ।
- 22 लोगों की मृत्यु और 13 घायल हुए।
- डीएनए परीक्षण के माध्यम से शवों की पहचान की जाएगी।
- घायलों का इलाज महात्मा गांधी अस्पताल में किया जा रहा है।
- प्रशासन 24 घंटे सक्रिय है।
जोधपुर, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर को जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थईयात गाँव के निकट एक गंभीर बस दुर्घटना ने समस्त राज्य को गहरे सदमे में डाल दिया है। जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि शेष शवों की पहचान डीएनए परीक्षण द्वारा की जाएगी।
एक निजी एसी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से 57 यात्रियों में से 22 की दुखद मृत्यु हो चुकी है, जबकि 13 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
जोधपुर के कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि दुर्घटना में कुल 19 शव पहचान के लिए हमारे पास आए थे। इनमें से 18 शवों की पहचान हो चुकी है, और 17 शवों का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। शेष एक शव के परिजन भी जोधपुर पहुँच चुके हैं, जिन्हें शीघ्र ही सौंपा जाएगा। एक शव की पहचान अभी बाकी है।
उन्होंने अपील की कि यदि किसी परिवार का सदस्य बस में सवार था और अभी तक उनका पता नहीं चला है, तो वे जिला प्रशासन के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। डीएनए परीक्षण के माध्यम से पहचान की जाएगी, जैसा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना में किया गया था। अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन 24 घंटे सक्रिय है और कोई भी लापता व्यक्ति नहीं छूटेगा।
घायलों की स्थिति पर कलेक्टर ने बताया कि 16 घायल जोधपुर पहुँच चुके हैं। इनमें से एक रास्ते में, दूसरा उपचार के दौरान और तीसरा सुबह मृत्यु को प्राप्त हो गया है। अब 13 घायलों का महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में उत्कृष्ट इलाज चल रहा है। चिकित्सकों की एक विशेष टीम तैनात है, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी और बर्न यूनिट के विशेषज्ञ शामिल हैं। घायलों में महिपाल सिंह (रामदेवरा), युनुस (बंबरो की ढाणी), ओमाराम (लाठी) आदि शामिल हैं। अधिकांश लोग 70 प्रतिशत तक जल चुके हैं, लेकिन उनकी स्थिति स्थिर हो रही है। मथुरादास माथुर अस्पताल में भी बैकअप टीम तैयार रखी गई है।