क्या दीपांकर भट्टाचार्य ने अमेरिका के टैरिफ पर भारत की संप्रभुता पर हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की संप्रभुता पर अमेरिका का टैरिफ एक गंभीर मुद्दा है।
- मोदी सरकार की चुप्पी ने सवाल उठाए हैं।
- न्याय की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है।
पटना, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह भारत की संप्रभुता और आजादी पर एक गंभीर आक्रमण है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि यह भारत की संप्रभुता पर एक बड़ा खतरा है। मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है, जो सही नहीं है। ट्रंप ने यह कहते हुए यह टैरिफ लगाया कि भारत रूस से तेल और हथियार क्यों खरीदता है। यह भारत का आंतरिक मामला है, और हमें यह तय करने का अधिकार है कि हम कहां से क्या खरीदें।
उन्हें यह भी कहना पड़ा कि ट्रंप ने यहाँ तक कह दिया कि भारत की अर्थव्यवस्था मरी हुई है। यह देश के लिए एक शर्म की बात है। संसद में ट्रंप पर गंभीर चर्चा हुई, लेकिन पीएम मोदी फिर भी चुप हैं। भारत की विदेश नीति और आर्थिक नीति को ट्रंप के हाथों में गिरवी रखना चिंताजनक और शर्मनाक है।
मालेगांव फैसले पर उन्होंने कहा कि अब देश में यही हो रहा है, अक्सर हम देखते हैं कि जिन लोगों पर गंभीर आरोप थे, उन्हें भी बरी कर दिया जाता है। भारत में न्याय की प्रक्रिया बेहद कमजोर है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर किसी को समय पर न्याय मिले। चाहे वह सांप्रदायिक हो या महिलाओं पर हिंसा, सभी को समय पर न्याय मिले, इसके लिए हम लड़ेंगे।
उन्होंने महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहा कि इस पर बातचीत चल रही है। चुनाव आयोग की 1 अगस्त को लिस्ट आएगी और हमने निर्णय लिया है कि 2 से 7 तारीख तक हम पूरे बिहार में 'बूथ चलो' अभियान चलाएंगे। इस दौरान हम बूथों का दौरा करेंगे और गहन समीक्षा करेंगे कि कहीं किसी को गलत तरीके से मृत घोषित किया गया है या कोई बाहरी व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बिहार के जमीन सच को अदालत में पेश किया जाएगा।