क्या डिवाइन और डिजिटल पावर के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है? - मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- डिवाइन पावर और डिजिटल पावर के बीच संतुलन आवश्यक है।
- भारत का शांति संदेश महत्वपूर्ण है।
- विश्व भाईचारे की आवश्यकता को समझना चाहिए।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में गुरुवार को वर्ल्ड ब्रदरहुड डे के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अनेक प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए। यह कार्यक्रम विश्व में शांति, मानवता और एकता के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर मुख्तार अब्बास नकवी ने ब्रदरहुड की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि भारत एक विश्व शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारत में 'सर्वे भवंतु सुखिनः' और 'सर्वे सन्तु निरामयाः' जैसे विचारों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। नकवी ने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में डिवाइन पावर और डिजिटल पावर के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, और ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम विश्व को भारत का यह शांति संदेश पहुंचा रहे हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर कटाक्ष करते हुए नकवी ने कहा कि विपक्ष अब भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहा कि उनकी नीतियां जनता से अलग होती जा रही हैं और वे हर हार को साजिश बताने में लगे हुए हैं।
प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए व्यंग्यात्मक शैली में कहा कि जब परिवार में ही भाई-भाई बात नहीं करते, तो विश्व भाईचारे की बात करना एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि पहले हमें अपने घर में शांति लानी होगी, तभी हम देश और फिर विश्व के लिए सोच सकेंगे।
केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आज विश्व के कई हिस्सों में संघर्ष जारी है, ऐसे समय में भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना से मानवता का संदेश दे रहा है।
कार्यक्रम में कपिल खन्ना ने 9/11 की त्रासदी को याद करते हुए कहा कि यह दिन आतंकवाद का काला अध्याय है, लेकिन इसी दिन हम विश्व भाईचारा फैलाने का संकल्प लेकर वर्ल्ड ब्रदर चैप्टर की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब यूनाइटेड नेशन्स, यूनिवर्सिटीज और संस्थाओं को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जब विश्व भाईचारे की बात होती है, तो भारत सबसे पहले सामने आता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की 1893 की ऐतिहासिक शिकागो यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का संदेश है - विश्व का कल्याण हो। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जी-20 जैसे मंचों से भी दुनिया को एकजुटता और शांति का संदेश दिया है।
पीआईएम/डीएससी