क्या दीपावली से पहले बैंकों में चेक क्लीयरिंग सिस्टम ठप हो गया है?

सारांश
Key Takeaways
- बैंकों में चेक क्लीयरिंग सिस्टम में समस्याएँ हैं।
- सीटीआई ने पीएम मोदी से दखल की मांग की है।
- व्यापारी दीपावली से पहले परेशान हैं।
- आरबीआई का नया सिस्टम प्रभावी नहीं हो पा रहा है।
- बैंकों में नकदी का संकट गहराता जा रहा है।
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उद्योग संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने बैंकों में चेक क्लीयरिंग सिस्टम से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और तत्काल दखल देने की मांग की है।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 4 अक्टूबर को 'सेम डे चेक क्लीयरिंग सिस्टम' लागू करने की घोषणा की थी, ताकि किसी भी बैंक में जमा चेक उसी दिन क्लियर हो सके, लेकिन वास्तविकता इससे एकदम भिन्न है। स्थिति यह है कि 10 से 15 दिन बाद भी चेक क्लियर नहीं हो रहे हैं।
बृजेश गोयल ने कहा, "आरबीआई के नए सिस्टम का व्यापारियों ने स्वागत किया था, लेकिन अब बैंकों में तकनीकी समस्याओं और स्टाफ की प्रशिक्षण की कमी के कारण पूरा सिस्टम ठप हो गया है। बैंककर्मी कहते हैं कि सिस्टम में 'टेक्निकल ग्लिच' है, इसलिए चेक क्लियर नहीं हो पा रहे हैं।"
उन्होंने पत्र में लिखा, "कई बैंकों में चेक स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। कुछ बैंक ग्राहकों से कह रहे हैं कि अभी चेक जमा न करें, बाद में लाएं। कई जगह व्यापारी आपस में झगड़ रहे हैं और अब आरटीजीएस या एनईएफटी से भुगतान करने की सलाह दे रहे हैं।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि नए सिस्टम पर स्टाफ की पूर्ण ट्रेनिंग भी नहीं है।
सीटीआई ने चेतावनी दी है कि दीपावली जैसे व्यस्त कारोबारी सीजन में इस प्रकार का सिस्टम फेल होना बेहद चिंताजनक है। व्यापारियों के ऑर्डर कैंसिल हो रहे हैं, पेमेंट अटक रही है और बैंकों के चक्कर बढ़ गए हैं।
बृजेश गोयल ने व्यापारियों की चिंता जाहिर करते हुए कहा, "हम उम्मीद कर रहे थे कि एक दिन में चेक क्लियर होने से कारोबार में तेजी आएगी, लेकिन इसके उलट, अब व्यापारी परेशान हैं और बाजार में नकदी का संकट गहराता जा रहा है।"