क्या दूरदर्शी नीतियां देश की तस्वीर बदल सकती हैं: जेपी नड्डा?
सारांश
Key Takeaways
- दूरदर्शी नीतियां देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- आयुष्मान भारत योजना ने 62 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की है।
- केजीएमयू ने विश्व स्तर पर मानवता की सेवा की है।
लखनऊ, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के दीक्षांत समारोह में कहा कि दूरदर्शी नीतियां ही देश की तस्वीर को बदल सकती हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है और आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन चुकी है।
जेपी नड्डा ने कहा कि केजीएमयू ने न केवल देश, बल्कि दुनिया में मानवता की सेवा की है। यहां से पढ़ाई कर निकले छात्र विभिन्न देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू का गौरवमयी इतिहास है और यहां काम करना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि मरीज को स्वस्थ करना आसान कार्य नहीं होता; मरीज आपके पास जीवन की रक्षा की आशा लेकर आते हैं।
नड्डा ने कहा कि 20वीं शताब्दी तक देश में एक ही एम्स था, जबकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में 23 एम्स हैं। पहले मेडिकल के छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते थे, लेकिन अब भारत में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मेडिकल के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आ रहा है। पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 62 करोड़ परिवारों को लाभान्वित किया है, और 70 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को सालाना 5 लाख का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है।
उन्होंने केजीएमयू को देश के प्रमुख अस्पतालों में से एक बताया और इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। नड्डा ने आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि यह 53 नहीं, बल्कि 62 करोड़ भारतीयों को कवर प्रदान कर रही है, जिसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को हर साल 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में हर समय लगभग 5 करोड़ गर्भवती माताओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं की निगरानी की जाती है, और प्री- और पोस्ट-डिलीवरी वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाता है।
नड्डा ने कोविड प्रबंधन का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां कई देश आज भी कागजी सर्टिफिकेट देते हैं, वहीं भारत ने डिजिटल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर वैश्विक मानक स्थापित किए हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दीक्षांत छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि सीखने की प्रक्रिया कभी नहीं रुकनी चाहिए।