क्या डूसू चुनाव में एबीवीपी ने दिखाया दबदबा? आर्यन मान और दीपिका झा ने छात्रों को समर्पित की जीत

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क्या डूसू चुनाव में एबीवीपी ने दिखाया दबदबा? आर्यन मान और दीपिका झा ने छात्रों को समर्पित की जीत

सारांश

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने शानदार जीत हासिल की। आर्यन मान अध्यक्ष बने जबकि दीपिका झा ने संयुक्त सचिव पद पर विजय पाई। जानिए इस चुनाव के परिणाम और एबीवीपी के भविष्य की योजनाएं।

Key Takeaways

  • एबीवीपी ने डूसू चुनाव में प्रमुख पदों पर जीत हासिल की।
  • आर्यन मान ने छात्रों के लिए कई वादे किए हैं।
  • एनएसयूआई को चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शानदार जीत हासिल की है। इस चुनाव में आर्यन मान को अध्यक्ष, कुणाल चौधरी को सचिव और दीपिका झा को संयुक्त सचिव चुना गया।

अध्यक्ष पद पर जीत के बाद, आर्यन मान ने दिल्ली के छात्रों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, "मैं उन सभी छात्रों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे वोट दिया और इस चुनाव में जीत दिलाई।" छात्रों को इस जीत को समर्पित करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें चुनाव में 15,000 से अधिक वोट मिले हैं।

आर्यन मान ने कहा कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए परिवहन सुविधाओं और कॉलेजों में एसी-पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

संयुक्त सचिव के रूप में चुनी गई दीपिका झा ने अपनी जीत को एबीवीपी, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और अपने परिवार को समर्पित किया। उन्होंने कहा, "इस जीत के बाद हम छात्रों के मुद्दों पर काम करेंगे। हम अपने मेनिफेस्टो के वादों को पूरा करेंगे और महिला सुरक्षा और पीसीआर पेट्रोलिंग जैसे कार्यों को खुद ग्राउंड पर जाकर करेंगे।"

डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान को 28,841 वोट मिले, जबकि एनएसयूआई के प्रत्याशी को केवल 12,645 वोट मिले। सचिव पद पर कुणाल चौधरी ने 23,779 वोट लाकर जीत हासिल की, जबकि एनएसयूआई के कबीर को 16,177 वोट मिले।

संयुक्त सचिव पद पर दीपिका झा को 21,825 वोट मिले, जिन्होंने एनएसयूआई के प्रत्याशी को हराया, जिसे 17,380 वोट मिले। एबीवीपी की दीपिका झा ने लवकुश भड़ाना को हराकर संयुक्त सचिव पद पर जीत प्राप्त की।

कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) को इस चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा है। चार प्रमुख पदों में से एनएसयूआई को केवल उपाध्यक्ष पद पर जीत मिली। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के राहुल झांसला (29,339 वोट) ने एबीवीपी के गोविंद तंवर (20,547 वोट) को हराया।

Point of View

यह भी जरूरी है कि सभी छात्र संगठनों को अपने वादों को निभाने का प्रयास करना चाहिए ताकि छात्रों के हितों की रक्षा हो सके।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

डूसू चुनाव में एबीवीपी की जीत का क्या महत्व है?
एबीवीपी की जीत से यह साबित होता है कि छात्रों में उनकी नीतियों और वादों के प्रति विश्वास है।
आर्यन मान के मुख्य वादे क्या हैं?
आर्यन मान ने परिवहन सुविधाओं और कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देने का वादा किया है।
एनएसयूआई की हार का क्या कारण है?
एनएसयूआई को एबीवीपी के मुकाबले कम वोट मिले, जिससे उनकी हार हुई।