क्या प्रवर्तन निदेशालय ने 425 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापेमारी की?

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क्या प्रवर्तन निदेशालय ने 425 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापेमारी की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय का ताजा अभियान 425 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में है, जिसमें प्रमुख कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर गंभीर आरोप हैं। यह कार्रवाई धोखाधड़ी के सबूत जुटाने और फंड्स के दुरुपयोग की जांच के लिए की गई है। क्या ईडी इस मामले में मजबूत सबूत प्राप्त कर पाएगी?

Key Takeaways

  • ईडी ने 425 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी की।
  • जांच सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है।
  • फंड्स का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं।
  • सख्त कार्रवाई की संभावना है यदि आरोप सिद्ध होते हैं।
  • यह कार्रवाई पीएमएलए के तहत की गई है।

नई दिल्ली/पुणे, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसर्स गुप्ता एग्जिम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (मैसर्स जीईआईपीएल) से जुड़े 425 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मंगलवार सुबह से तलाशी अभियान शुरू किया। ईडी ने दिल्ली में 9 और पुणे में 1 समेत कुल 10 परिसरों पर कार्रवाई की।

यह जांच सीबीआई की प्राथमिकी और पंजाब नेशनल बैंक (पहले ई-ओबीसी बैंक) की शिकायत के आधार पर की गई है, जिसमें कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर ऋण राशि के गबन का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने इस मामले में एक आपराधिक शिकायत (ईसीआईआर) दर्ज की है। जांच में यह सामने आया है कि मैसर्स जीईआईपीएल और उसके निदेशकों ने बैंक से प्राप्त लगभग 425 करोड़ रुपये के ऋण का दुरुपयोग किया।

इन फंड्स को कंपनी की विभिन्न संबंधित संस्थाओं में स्थानांतरित कर दिया गया, जो न तो मैसर्स जीईआईपीएल के मूल व्यवसाय से संबंधित थीं और न ही किसी अन्य वैध गतिविधि में शामिल थीं। यह राशि कथित तौर पर कंपनी के प्रवर्तकों और उनके करीबी लोगों से जुड़े ठिकानों पर भेजी गई।

ईडी की टीम मैसर्स जीईआईपीएल के प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों से जुड़े दफ्तरों और आवासों पर जांच कर रही है।

अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य धोखाधड़ी के सबूत इकट्ठा करना और फंड्स के दुरुपयोग की जांच करना है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बैंक ने शिकायत में बताया कि कंपनी ने ऋण राशि को अपने व्यवसाय के बजाय व्यक्तिगत और अनधिकृत तरीके से उपयोग किया, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।

ईडी की टीम मौके पर दस्तावेज और अन्य सामग्रियों की जांच कर रही है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच जारी है और आगे की कार्रवाई के लिए और सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।

Point of View

NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस मामले में छापेमारी की?
ईडी ने मैसर्स गुप्ता एग्जिम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े 425 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापेमारी की।
इस कार्रवाई का उद्देश्य क्या है?
इस कार्रवाई का उद्देश्य धोखाधड़ी के सबूत इकट्ठा करना और फंड्स के दुरुपयोग की जांच करना है।
ईडी ने कितने परिसरों में छापेमारी की?
ईडी ने कुल 10 परिसरों में छापेमारी की, जिसमें दिल्ली में 9 और पुणे में 1 शामिल है।
क्या आरोप सिद्ध होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी?
हाँ, यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
यह कार्रवाई किस कानून के तहत की गई है?
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत की गई है।