क्या ईडी ने अल फलाह समूह के अध्यक्ष जावद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- जावद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी ने शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की चर्चा को बढ़ावा दिया है।
- ईडी द्वारा की गई कठोर कदमों से यह स्पष्ट होता है कि जांच में गंभीरता से लिया जा रहा है।
- शिक्षा के नाम पर किए गए धोखाधड़ी के मामलों को उजागर करना आवश्यक है।
- इस मामले की गहराई से जांच का परिणाम शिक्षा तंत्र में सुधार की दिशा में हो सकता है।
- सरकारी एजेंसियों की सक्रियता से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संदेश जाता है।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अल फलाह समूह के अध्यक्ष जावद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ईडी द्वारा चल रही जांच के परिणामस्वरूप हुई, जिसमें अल फलाह समूह से जुड़े परिसरों की तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों की गहन जांच की गई।
ईडी ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। इसके बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जावद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी की गई है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अल फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद ने छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों को धोखा देने के लिए यूजीसी मान्यता के झूठे और भ्रामक दावे किए थे। इसके अतिरिक्त, यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12 (बी) के तहत अपनी मान्यता का फर्जी दावा किया, जबकि विश्वविद्यालय केवल एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में सूचीबद्ध था और उस पर उस धारा के तहत अनुदान प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं था।
जांच में यह सामने आया कि अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन 1995 में किया गया था और जावद अहमद सिद्दीकी ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी और प्रबंध ट्रस्टी थे। ट्रस्ट द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थान जैसे विश्वविद्यालय और कॉलेज समय के साथ एक बड़े शैक्षिक समूह में तब्दील हो गए, हालांकि इसकी वृद्धि को पर्याप्त वित्तीय संसाधनों से समर्थन प्राप्त नहीं था।
गौरतलब है कि 18 नवंबर को ईडी की तरफ से दिल्ली में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें अल फलाह विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के प्रमुख अधिकारियों के आवासीय परिसर भी शामिल थे। तलाशी के दौरान 48 लाख रुपए से अधिक की नकदी, कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेजी साक्ष्य जब्त किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि ट्रस्ट ने अपने परिवार के सदस्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को ठेके दिए और करोड़ों रुपए का गबन किया।
ईडी की जांच से पता चला है कि जावद अहमद सिद्दीकी की भूमिका ट्रस्ट के वित्तीय संचालन और अपराध की आय के स्तरीकरण में महत्वपूर्ण थी। उसके खिलाफ कई उल्लंघनों और अपराधों के साक्ष्य मिले हैं। जावद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर 13 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी अभी भी मामले की जांच कर रही है।