क्या ईडी ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की?

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क्या ईडी ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की है, जो इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई में फैला हुआ था। इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नकद और संपत्ति भी जब्त की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • ईडी ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की।
  • मुख्य संचालक विशाल अग्निहोत्री थे।
  • जांच में 404.46 करोड़ की अवैध आय का पता चला।
  • 34.26 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की गई।
  • जनता को सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की सलाह दी गई।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई में फैले एक बड़े पैमाने पर अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है।

यह कार्रवाई इंदौर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई जांच के दौरान सामने आई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ महाराष्ट्र जुआ निषेध अधिनियम और आईटी अधिनियम के तहत भी दोषी हैं।

जांच में तकनीकी रूप से हेरफेर किए गए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों का एक विस्तृत नेटवर्क उजागर हुआ। इसमें एमटी5 सर्वर को गलत ट्रेडिंग परिणाम उत्पन्न करने के लिए संशोधित किया गया था।

मुख्य संचालक विशाल अग्निहोत्री थे, जिनकी सहायता तरुण श्रीवास्तव ने वित्तीय संचालन और फर्जी खातों को संभालने में की। श्रीनिवासन रामासामी सर्वर कॉन्फ़िगरेशन के लिए जिम्मेदार थे। इसके अतिरिक्त, धवल देवराज जैन ने लोटसबुक247 प्लेटफॉर्म चलाया, जबकि धर्मेश त्रिवेदी ने ऑफशोर इकाई आईबुल केपिटल का प्रबंधन किया। निधि चंदनानी दुबई स्थित संरचनाओं के माध्यम से धन के प्रवाह और लेयरिंग में शामिल थीं।

जांच में यह भी पाया गया कि प्लेटफॉर्म जैसे वी मनी नकली ट्रेड दिखाते थे और वास्तविक स्टॉक एक्सचेंज से किसी भी संबंध में नहीं थे। लोटस् बुक247 और 11स्ट्रेस प्लेटफॉर्म गुप्त रूप से अज्ञात खातों और एन्क्रिप्टेड संचार के जरिए संचालित होते थे। ईडी ने इस सिंडिकेट से जुड़ी 404.46 करोड़ की अवैध आय का पता लगाया। इसके अलावा, 34.26 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की गई, जिसमें 28.60 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति, 3.83 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 1.83 करोड़ रुपए बैंक या डीमैट खातों में शामिल हैं।

तलाशी के दौरान 5.21 करोड़ रुपए से अधिक नकद, 59.9 किलोग्राम चांदी की छड़ें, 100 ग्राम सोने की छड़ें, 1.94 करोड़ रुपए के आभूषण और 4.77 करोड़ रुपए की लक्ज़री घड़ियां भी ज़ब्त की गईं। इसके अलावा, 0.41 करोड़ रुपए से अधिक की फ्रीज़ की गई क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है। ये संपत्तियां अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों से अर्जित की गई आय को दर्शाती हैं।

ईडी ने आम जनता को चेतावनी दी है कि केवल सेबी रजिस्टर्ड ट्रेडिंग और निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाए। किसी भी अनियमित डब्बा ट्रेडिंग एप्लिकेशन या हेरफेर किए गए एमटी 5 सर्वर से सावधान रहना चाहिए। अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा के दुरुपयोग और वित्तीय नुकसान का कारण बन सकते हैं। किसी भी संदिग्ध प्लेटफॉर्म की सूचना नजदीकी कानून प्रवर्तन या साइबर अपराध प्राधिकरण को दी जानी चाहिए।

Point of View

बल्कि यह हमारी आर्थिक सुरक्षा और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंताएं उठाता है। हमें ऐसे रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि आम नागरिकों का विश्वास बना रहे।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस मामले में कार्रवाई की?
ईडी ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की है।
इन रैकेट का संचालन कौन कर रहा था?
मुख्य संचालक विशाल अग्निहोत्री थे, जिनकी सहायता अन्य लोगों ने की।
ईडी ने कितनी संपत्ति जब्त की?
ईडी ने 34.26 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है।
इस मामले में जनता को क्या सलाह दी गई है?
जनता को केवल सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
ईडी की कार्रवाई का कारण क्या था?
यह कार्रवाई इंदौर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई थी।
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