क्या ईडी ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किया?

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क्या ईडी ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किया?

सारांश

हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय ने दिनेश गोप को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी नक्सली गतिविधियों और फंडिंग से जुड़े एक बड़े मामले का हिस्सा है। जानें, इस गिरफ्तारी के पीछे की कहानी और उसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • दिनेश गोप की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हुई है।
  • ईडी ने पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है।
  • गोप की गिरफ्तारी नक्सली गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • शेल कंपनियों के जरिए फंडिंग का मामला सामने आया है।
  • जांच में 2.5 करोड़ रुपए के लेन-देन का खुलासा हुआ है।

रांची, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जेल में बंद प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के प्रमुख दिनेश गोप को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।

ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत दिनेश गोप के खिलाफ इन्फोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।

इस मामले में बुधवार को कोर्ट में दिनेश गोप की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई और इसके बाद उसे इस मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दिनेश गोप को इसके पहले 21 मई 2023 को टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नेपाल से गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी से पहले झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रुपए और एनआईए ने पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। फिलहाल, वह पलामू सेंट्रल जेल में बंद है।

ईडी ने जुलाई 2023 में लगातार दो दिन तक दिनेश गोप से पूछताछ की थी। एजेंसी अब उसके लेवी-रंगदारी नेटवर्क, फंडिंग और निवेश की जानकारी जुटा रही है। जांच में सामने आया कि उसने करोड़ों की रकम शेल कंपनियों और सहयोगी व्यवसायियों की मदद से खपाई थी।

एनआईए ने 2018 में रांची के बेड़ो थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। नवंबर 2016 में पुराने नोटों के बंद होने के बाद, दिनेश गोप का सहयोगी 25.38 लाख रुपए बैंक में जमा कराने के प्रयास में पकड़ा गया था।

जांच में उसके रांची स्थित फ्लैट और एदलहातू आवास को भी जब्त किया गया था, जिनकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई। ईडी की पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने स्वीकार किया कि उसने शेल कंपनियों के जरिए लेवी-रंगदारी की रकम निवेश की।

इन कंपनियों में मेसर्स भाव्या इंजीकान प्राइवेट लिमिटेड, शिव शक्ति मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड, शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और पलक इंटरप्राइजेज शामिल हैं। इनका संचालन उनकी पत्नियां शकुंतला देवी और गीता तथा सहयोगी सुमंत कुमार कर रहे थे। एनआईए ने उसकी पत्नियों के बैंक खातों से 19.93 लाख रुपए जब्त किए थे।

जांच में दो दर्जन से अधिक खातों में 2.5 करोड़ रुपए के लेन-देन का खुलासा हुआ। ईडी अब पूरे वित्तीय तंत्र, लेवी-रंगदारी और निवेश के नेटवर्क की विस्तृत जांच कर रही है।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि यह गिरफ्तारी न सिर्फ कानून के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियाँ नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में सक्षम हैं। हमें ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए और हमेशा देश के साथ खड़ा रहना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

दिनेश गोप को कब गिरफ्तार किया गया?
उन्हें 20 अगस्त 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया।
क्या दिनेश गोप पहले भी गिरफ्तार हुए हैं?
हाँ, उन्हें 21 मई 2023 को टेरर फंडिंग मामले में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने उनके खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
ईडी ने उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत ईसीआईआर दर्ज किया है।
दिनेश गोप का लेवी-रंगदारी नेटवर्क क्या है?
जांच में खुलासा हुआ है कि उन्होंने शेल कंपनियों के माध्यम से लेवी-रंगदारी की रकम का निवेश किया।
उनकी गिरफ्तारी का क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह गिरफ्तारी नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण और कानून के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है।