क्या आर्म्स डीलर संजय भंडारी की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए कोर्ट पहुंची ईडी?

सारांश
Key Takeaways
- संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है।
- ईडी ने उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की है।
- किसी ने संपत्तियों पर आपत्ति नहीं दर्ज की है।
- अगली सुनवाई १९ अगस्त को होगी।
- संपत्तियों की कुर्की के लिए विदेशों से पत्राचार किया जाएगा।
नई दिल्ली, २ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आर्म्स डीलर संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किए जाने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसकी देशभर में फैली संपत्तियों को जब्त करने के लिए राऊज एवेन्यू कोर्ट में एक अर्जी दायर की है। ईडी की ओर से दाखिल की गई अर्जी पर शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दलीलें पेश कीं।
ईडी ने अदालत को बताया कि संजय भंडारी से सीधे जुड़े जितने भी संपत्तियां हैं, चाहे वे कंपनियों के माध्यम से अर्जित की गई हों या व्यक्तिगत स्वामित्व में हों, उन पर अब तक किसी भी व्यक्ति या संस्था ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। एजेंसी का कहना है कि ऐसे में ये संपत्तियां कुर्क करने के योग्य हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किए गए व्यक्तियों की संपत्तियों को दो श्रेणियों में बांटते हैं। पहली श्रेणी में अपराध के माध्यम से अर्जित संपत्तियां शामिल हैं, और दूसरी श्रेणी में भारत या विदेश में स्थित ऐसी संपत्तियां आती हैं, जिसमें आरोपी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी हो। ईडी का कहना है कि कानून के तहत इन दोनों प्रकार की संपत्तियों को जब्त करना आवश्यक है, ताकि आरोपी विदेश में रहकर जांच और कानूनी कार्रवाई से बच ना सके।
ईडी ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत के आदेशों के अनुरूप ही विदेशों में स्थित संपत्तियों की जब्ती के लिए संबंधित देशों के साथ पत्राचार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इस पूरे मामले पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में अगली सुनवाई १९ अगस्त को होगी, जिसमें संपत्तियों की कुर्की पर अंतिम निर्णय आने की संभावना है।
ज्ञातार्थ, हाल ही में अदालत ने संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था, जिसके बाद अब ईडी उसकी संपत्तियों की कुर्की के लिए कानूनी प्रक्रिया तेज कर चुकी है।