क्या बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई है? 7 करोड़ की लग्जरी गाड़ियां, आभूषण और नकदी जब्त

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क्या बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई है? 7 करोड़ की लग्जरी गाड़ियां, आभूषण और नकदी जब्त

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भुवनेश्वर में एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में छापेमारी की। जांच में 7 करोड़ रुपये की लग्जरी गाड़ियां व आभूषण जब्त किए गए। जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या है इसके पीछे का सच।

Key Takeaways

  • ईडी ने भुवनेश्वर में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई की।
  • 7 करोड़ रुपये की लग्जरी गाड़ियां और आभूषण जब्त किए गए।
  • जांच में आईटीसीओएल और उनकी कंपनियों की मिलीभगत सामने आई।

नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), शिमला ने शनिवार को उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई शक्ति रंजन दाश के आवासीय परिसर और उनकी कंपनियों- मेसर्स अनमोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) और मेसर्स अनमोल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (एआरपीएल) के व्यवसायिक परिसरों पर की गई।

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत मेसर्स इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड (मेसर्स आईटीसीओएल) से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में की गई।

ईडी ने यह जांच हिमाचल प्रदेश पुलिस की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर प्रारंभ की थी। आरोप था कि आईटीसीओएल और उनके प्रमोटरों ने कुछ अधिकारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मिलीभगत से बैंकों से लिए गए ऋण का दुरुपयोग किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आईटीसीओएल ने 2009 से 2013 के बीच बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्टियम से फर्जी प्रोजेक्ट रिपोर्ट और शेल कंपनियों को दिखाकर कर्ज प्राप्त किया। लगभग 1396 करोड़ रुपए का यह ऋण निर्धारित उद्देश्यों में खर्च करने के बजाय अन्य कार्यों में उपयोग किया गया।

इस मामले में ईडी पहले ही 310 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। इनमें से 289 करोड़ रुपए की संपत्तियां अप्रैल 2025 में बैंक ऑफ इंडिया के कंसोर्टियम को वापस कर दी गई थीं।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि आईटीसीओएल और उसकी शेल कंपनियों ने 59.80 करोड़ रुपए की राशि मेसर्स अनमोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड, ओडिशा के बैंक खातों में डायवर्ट की थी। यह भी पता चला कि एएमपीएल के एमडी शक्ति रंजन दाश ने जानबूझकर राकेश कुमार शर्मा (मेसर्स आईटीसीओएल के प्रमोटर) को बैंक ऋण राशि को डायवर्ट करने और ओडिशा में खनन गतिविधियों में उसका उपयोग करने में मदद की।

तलाशी के दौरान, ईडी ने शक्ति रंजन दाश और उनकी कंपनियों की 10 लग्जरी गाड़ियां और 3 सुपर बाइक जब्त कीं, जिनकी कुल कीमत लगभग 7 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, 13 लाख रुपए नकद, लगभग 1.12 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण और विभिन्न अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए। शक्ति रंजन दाश के दो लॉकरों को भी फ्रीज कर दिया गया है।

ईडी ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमारी जांच एजेंसियां कितनी सक्रिय और सतर्क हैं। इस तरह के मामलों का सामना करना और सजा दिलाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें एकजुट होकर ऐसे अपराधों का सामना करना चाहिए।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कितनी संपत्तियां जब्त की हैं?
ईडी ने इस मामले में 310 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की हैं, जिनमें से 289 करोड़ रुपए की संपत्तियां बैंक को वापस कर दी गई थीं।
यह मामला किससे संबंधित है?
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें आईटीसीओएल और उनकी कंपनियों का नाम शामिल है।
क्या ईडी की जांच अभी भी चल रही है?
जी हाँ, ईडी ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।