क्या पीएफआई पर ईडी की कार्रवाई से 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की गईं?

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क्या पीएफआई पर ईडी की कार्रवाई से 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की गईं?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई पर की गई कार्रवाई में 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क कर दिया है। यह कदम एक व्यापक जांच के तहत उठाया गया है, जिसमें पीएफआई के आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं।
  • पीएफआई और एसडीपीआई के बीच गहरे संबंध हैं।
  • जांच में आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों का पता चला है।
  • संपत्तियों का प्रबंधन सुनियोजित तरीके से किया गया था।
  • बड़ी संख्या में नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

नई दिल्‍ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 67.03 करोड़ रुपए मूल्य की आठ अचल संपत्तियों को कुर्क कर दिया है। ये संपत्तियां विभिन्न ट्रस्टों और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के राजनीतिक मोर्चे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नाम पर पंजीकृत थीं।

ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत यह कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने एनआईए द्वारा दर्ज एफआईआर और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा पीएफआई और उसके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों के आधार पर जांच आरंभ की थी। जांच में यह सामने आया कि पीएफआई के पदाधिकारी, सदस्य और कार्यकर्ता भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और उनके वित्तपोषण के लिए बैंकिंग चैनलों, हवाला और दान के माध्यम से धन जुटा रहे थे।

ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि एसडीपीआई, पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा है और इसकी सभी गतिविधियों का संचालन पीएफआई के द्वारा किया जाता था। एसडीपीआई की नीतियां, दैनिक कार्य, चुनावी रणनीतियां और सार्वजनिक कार्यक्रम सभी पीएफआई के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा नियंत्रित होते थे। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि पीएफआई ने एसडीपीआई के लिए किए गए खर्चों को गुप्त डायरियों में दर्ज किया था और इन्हें आधिकारिक खातों में नहीं दर्शाया गया।

एजेंसी ने यह भी उजागर किया कि पीएफआई और एसडीपीआई ने सामाजिक और राहत कार्यों की आड़ में बड़े पैमाने पर धन जुटाया, जिसका उपयोग भारत में हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया। ईडी ने बताया कि इन गतिविधियों का उद्देश्य भारत को एक इस्लामी राष्ट्र बनाना था, जिससे देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।

अब तक ईडी ने 28 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी, महासचिव, अन्य पदाधिकारी और पीएफआई की राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारी परिषद (एनईसी और एसईसी) के सदस्य शामिल हैं। इन गिरफ्तार व्यक्तियों में वे शारीरिक शिक्षा (पीई) प्रशिक्षक भी हैं जो पीएफआई के सदस्यों को हथियार प्रशिक्षण और युद्धाभ्यास सिखाने में शामिल थे।

जांच में यह भी पाया गया कि पीएफआई के कई विचारक और संस्थापक सदस्य पूर्व स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े थे। सिमी, जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा थी, जिसे बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद प्रतिबंधित किया गया था। इसी समय के दौरान पीएफआई के वरिष्ठ सदस्यों ने राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ) के बैनर तले विभिन्न ट्रस्टों की स्थापना की और इन्हीं के माध्यम से संपत्तियों को पंजीकृत किया।

ईडी द्वारा जब्त किए गए अभिलेखों में पीएफआई के कई वित्तीय और संपत्ति रिकॉर्ड मिले हैं, जिनमें ट्रस्टों के नाम, संपत्ति के सर्वेक्षण नंबर, बिक्री विलेखों के मूल्य और बाजार दरों का विस्तृत ब्यौरा शामिल था। यह दस्तावेजीकरण दर्शाता है कि पीएफआई ने संगठित और सुनियोजित तरीके से अपनी संपत्तियों का प्रबंधन किया।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पीएफआई ने अपनी संपत्तियों पर ‘शारीरिक शिक्षा (पीई)’ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए, जिनमें विभिन्न हथियारों के उपयोग और आक्रामक-रक्षात्मक युद्धाभ्यास सिखाए जाते थे। इन प्रशिक्षणों का उद्देश्य संगठन के जिहादी एजेंडे को आगे बढ़ाना और प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं का उपयोग गैरकानूनी गतिविधियों में करना था।

ईडी द्वारा कुर्क की गई 8 संपत्तियों में ग्रीन वैली फाउंडेशन, अलप्पुझा सामाजिक सांस्कृतिक एवं शिक्षा ट्रस्ट, पंडालम शैक्षिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट, पथानामथिट्टा, इस्लामिक सेंटर ट्रस्ट, और वायनाड के नाम शामिल हैं।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि यह कार्रवाई न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त कदम है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक भी है। हमें हमेशा राष्ट्र के हित में सोचना चाहिए।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने पीएफआई पर क्यों कार्रवाई की?
ईडी ने पीएफआई पर कार्रवाई की क्योंकि उसे संदेह था कि पीएफआई ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाया है।
कितनी संपत्तियां कुर्क की गईं?
ईडी ने 67.03 करोड़ रुपए मूल्य की आठ संपत्तियां कुर्क की हैं।
पीएफआई के बारे में क्या जानकारी है?
पीएफआई एक राजनीतिक संगठन है जो विभिन्न ट्रस्टों के माध्यम से अपनी गतिविधियों का संचालन करता है।
क्या एसडीपीआई और पीएफआई के बीच संबंध हैं?
हां, एसडीपीआई पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा है और इसकी गतिविधियों का संचालन पीएफआई के द्वारा किया जाता है।
क्या यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है?
यह कार्रवाई निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त कदम है।