क्या मराठा आरक्षण को लेकर एकनाथ शिंदे का बयान ओबीसी के हितों की रक्षा करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- एकनाथ शिंदे ने ओबीसी समुदाय के हितों की सुरक्षा का आश्वासन दिया।
- मराठा समाज को 'कुणबी' का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।
- 1967 से पहले का प्रमाणपत्र आवश्यक है।
- सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए।
- सामाजिक संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
मुंबई, ३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मराठा समाज को 'कुणबी' का दर्जा देने और ओबीसी आरक्षण का लाभ देने के निर्णय ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को गर्म कर दिया है। मंगलवार को सरकार द्वारा हैदराबाद गजट के आधार पर जारी किए गए जीआर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस विषय पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "ओबीसी समुदाय के हितों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।"
इस संदर्भ में, हैदराबाद गजट में मराठों को 'कुणबी का दर्जा' और आरक्षण देने के संबंध में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "ओबीसी समुदाय को कोई नुकसान नहीं होगा; सरकार का यही रुख हमेशा से रहा है। हैदराबाद राजपत्र और हाल ही में जारी जीआर ओबीसी समुदाय के लिए कोई बाधा नहीं बनेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "जिसके पास १९६७ के पहले 'कुणबी' प्रमाणपत्र होगा, उसी को ओबीसी सर्टिफिकेट मिलेगा। मंगलवार को जीआर पूरी तरह नियमों का पालन करते हुए जारी किया गया।"
वहीं, मराठा आरक्षण से संबंधित अदालतों में याचिकाएं दायर करने वाले कार्यकर्ता विनोद पाटिल ने कहा, "जब मैंने सरकार द्वारा जारी किए गए जीआर को पढ़ा, तो मेरे मन में एक विचार आया, महाराष्ट्र में मौजूद सबसे पहला कानून वही है जो इस कागज पर लिखा गया है।"
कार्यकर्ता पाटिल ने सवाल उठाया कि अगर यह दस्तावेज जारी किया गया है, तो सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस कागज का उद्देश्य क्या है, हम वास्तव में इसके माध्यम से जाति प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करेंगे और यह कागज हमें क्या लाभ देगा।
उन्होंने कहा, "सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। हम क्यों आपस में लड़ाई करें? सरकार जवाब दे और समाधान करे। हमें समझाकर बताएं कि इस कागज का क्या अर्थ है।"
विनोद पाटिल ने स्पष्ट कहा, "यह कागज का टुकड़ा हमारे किसी काम का नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं मनोज जरांगे पाटिल का स्वागत करूंगा कि उन्होंने मुंबई में जाकर बड़ी संख्या में मराठा समाज को इकट्ठा करने का कार्य किया और आंदोलन किया।"