क्या 'एकता मार्च' सरदार पटेल की विरासत का उत्सव है?: मनसुख मंडाविया
सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती का महत्व
- राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का प्रयास
- युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना
- स्वच्छता और आत्मनिर्भरता का संदेश
- डिजिटल गतिविधियों का समावेश
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय एक राष्ट्रव्यापी सरदार एकता मार्च की पदयात्रा का आयोजन कर रहा है। इस मार्च का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में राष्ट्रीय गौरव, नागरिक जुड़ाव और युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
इस मार्च में सरदार पटेल के विचारों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत के दृष्टिकोण और आत्मनिर्भर भारत की थीम पर आधारित कई गतिविधियां शामिल की गई हैं।
इस पहल का शुभारंभ 6 अक्टूबर को केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने किया था, जो भारत सरकार के द्विवार्षिक समारोह (2024-2026) का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारत के लौह पुरुष के अद्वितीय योगदान और स्थायी विरासत का सम्मान करना है।
इस अभियान की शुरुआत डिजिटल गतिविधियों जैसे रील प्रतियोगिता, निबंध लेखन, और प्रश्नोत्तरी से हुई। इसके अंतर्गत, देशभर में जिला स्तर पर और कुछ राज्यों में विधानसभा क्षेत्र स्तर पर पदयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। राष्ट्रीय पदयात्रा की तैयारी के लिए, सभी जिलों से जिला प्रतिनिधियों की गुजरात यात्रा भी हो रही है। यह अभियान 6 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा।
आज नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक, लाखों लोग राष्ट्रीय एकता के लिए एक साथ चल रहे हैं। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत का उत्सव है और यह युवा ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने वाला एक राष्ट्रीय आंदोलन है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों में पूरा देश एक भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, कुल 842 पदयात्राएं आयोजित की जा चुकी हैं। यह संख्या केवल एक आंकड़ा नहीं है; यह एक अखंड राष्ट्र की धड़कन है। स्वच्छता, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का संदेश इस पदयात्रा के मूल में है।
युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित थीं। युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने एक प्रस्तुति के माध्यम से डिजिटल चरण की मुख्य विशेषताओं, जिला स्तरीय पदयात्राओं के दौरान व्यापक जमीनी स्तर पर लामबंदी और जिला प्रतिनिधियों की आगामी यात्रा एवं राष्ट्रीय पदयात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की।