क्या इंजीनियर राशिद ने कस्टडी पैरोल में संशोधन की मांग की? दिल्ली हाई कोर्ट में 6 अगस्त को सुनवाई

सारांश
Key Takeaways
- इंजीनियर राशिद ने कस्टडी पैरोल में संशोधन की मांग की है।
- दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
- उन्हें 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
- पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी थी।
- राशिद ने लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को 2 लाख वोटों से हराया।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अपनी कस्टडी पैरोल की शर्तों में संशोधन की मांग की है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को मुख्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित कर दिया है।
दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद को संसद के मानसून सत्र में शामिल होने के लिए कस्टडी पैरोल की अनुमति दी थी। सांसद राशिद ने अपनी कस्टडी पैरोल की शर्तों में संशोधन की मांग की, जिसके बाद उनकी याचिका मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दी गई है।
राशिद की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में सांसद राशिद को मानसून सत्र में शामिल होने की अनुमति प्रदान की है। कोर्ट ने उन्हें 24 जुलाई से 4 अगस्त तक संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल दिया है।
राशिद के वकील ने पहले यह दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को अंतरिम जमानत देकर संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि, अदालत ने सांसद की अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन उनकी कस्टडी पैरोल को मंजूरी दे दी।
उल्लेखनीय है कि सांसद राशिद को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था। वे 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव में उत्तरी कश्मीर की बारामूला सीट से उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।