क्या ईपीएफओ की नई पहल से कंपनियों को कर्मचारियों को पीएफ में जोड़ने के लिए 6 महीने का समय मिलेगा?
सारांश
Key Takeaways
- 6 महीने का समय पीएफ में कर्मचारियों को जोड़ने के लिए।
- ईईएस-2025 योजना का लाभ सभी कंपनियों के लिए।
- सिर्फ नियोक्ता का हिस्सा जमा करना होगा।
- जांच चल रहे संस्थान भी लाभ उठा सकते हैं।
- सामाजिक सुरक्षा का लक्ष्य।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में नियोक्ताओं (कंपनियों) को एक विशेष योजना का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। इस योजना के अंतर्गत, कंपनियों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिससे वे उन कर्मचारियों को पीएफ (प्रोविडेंट फंड) में शामिल कर सकें, जो पहले इसमें शामिल नहीं हुए थे। यह अवसर 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच छूटे हुए कर्मचारियों के लिए है।
इस योजना को कर्मचारी नामांकन योजना या एंप्लाइज एनरोलमेंट स्कीम (ईईएस)-2025 के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा उपलब्ध कराना और पूर्व में हुई गलतियों को सुधारना है।
इस योजना के तहत, नवंबर 2025 से 6 महीने का समय दिया जाएगा। इस अवधि में, कंपनियां स्वेच्छा से उन पात्र कर्मचारियों को पीएफ में शामिल कर सकती हैं, जिन्हें पहले शामिल नहीं किया गया था। जिन संस्थानों या कंपनियों ने अभी तक ईपीएफ कानून के तहत पंजीकरण नहीं कराया है, वे भी इस योजना का लाभ लेकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और अपने कर्मचारियों को पीएफ में जोड़ सकते हैं।
ईईएस-2025 योजना के अंतर्गत, यदि पहले कर्मचारियों के पीएफ का पैसा नहीं काटा गया था, तो इस योजना में कंपनी को केवल नियोक्ता का हिस्सा (एंप्लॉयर शेयर) जमा करना होगा। इसके साथ ही, धारा 7क्यू के तहत ब्याज, लागू प्रशासनिक शुल्क और 100 रुपए का जुर्माना देना होगा, तभी इसे पूरी तरह सही माना जाएगा।
जिन संस्थानों पर जांच चल रही है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ शर्तों के साथ प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत मिलने वाले लाभ भी इस योजना में शामिल हैं।
ईपीएफओ ने सभी नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस एक बार मिलने वाले अवसर का पूरा लाभ उठाएं और “सबके लिए सामाजिक सुरक्षा” के लक्ष्य में योगदान दें। ईपीएफओ ऐसे नियोक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से जानकारी भी देगा, जिन्होंने पहले नियमों का पालन नहीं किया था।
ईपीएफओ ने इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देशभर में एक अभियान भी शुरू किया है। इसके साथ ही, सरकार के विभिन्न विभागों से भी बातचीत की जा रही है, ताकि ठेके पर काम करने वाले और अस्थायी कर्मचारियों को भी पीएफ की सुविधा मिल सके।