क्या ईपीएफओ देश में सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है? : मनसुख मांडविया

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क्या ईपीएफओ देश में सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है? : मनसुख मांडविया

सारांश

केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ईपीएफओ के 73वें स्थापना दिवस पर सामाजिक सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे यह संगठन देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा रहा है। साथ ही, नए नागरिक-केंद्रित उपायों पर भी चर्चा की गई।

Key Takeaways

  • ईपीएफओ ने सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया है।
  • सदस्यों की संतुष्टि सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण पर ध्यान देना आवश्यक है।
  • कर्मचारी नामांकन योजना 2025 का उद्देश्य नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना है।
  • सामाजिक सुरक्षा केवल व्यवस्थाओं से नहीं, बल्कि लोगों से जुड़ी है।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 73वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर यह स्पष्ट किया कि ईपीएफओ ने देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मंत्री मांडविया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं आज ईपीएफओ के 73वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ईपीएफओ ने देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। कार्यक्रम में मैंने कहा कि सदस्यों की संतुष्टि ही ईपीएफओ की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।"

मांडविया ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए ईपीएफओ की देश के वर्कफोर्स के सामाजिक और वित्तीय कल्याण सुनिश्चित करने में ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने संगठन से आग्रह किया कि वह नए उद्देश्य और दूरदर्शिता के साथ नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा, "ईपीएफओ केवल एक कोष नहीं है। यह सामाजिक सुरक्षा में देश के वर्कफोर्स के भरोसे का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्थापना दिवस के अवसर पर यह सभी अधिकारियों को नई प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करेगा और आने वाले वर्षों के लिए एक विजन तैयार करने के लिए प्रेरित करेगा। यह विजन ईपीएफओ की संकल्प से सिद्धि की यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ईपीएफओ को सेवा वितरण में निष्पक्षता, गति और संवेदनशीलता सुनिश्चित करके नागरिकों का विश्वास मजबूत करना जारी रखना चाहिए।"

उन्होंने विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ते हुए सामाजिक सुरक्षा में वैश्विक मानक स्थापिक करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 भी लॉन्च की। 1 नवंबर 2025 से लागू होने वाली इस योजना का उद्देश्य नियोक्ताओं को पात्र कर्मचारियों की स्वेच्छा से घोषणा और नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस कार्यक्रम में मौजूद श्रम एवं रोजगार सचिव वंदना गुरनानी ने ईपीएफओ के एक अनुपालन-आधारित निकाय से एक नागरिक-केंद्रित संस्था के रूप में विकसित होने की सराहना की।

उन्होंने कहा, "हर फाइल के पीछे एक समर्पित कर्मचारी, एक परिवार और एक सपना छिपा होता है। प्रत्येक कर्मचारी के साथ पूर्ण सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा केवल व्यवस्थाओं से संबंधित नहीं है, बल्कि लोगों से भी जुडी़ है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि ईपीएफओ देश में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस संगठन का उद्देश्य न केवल कर्मचारियों की संतुष्टि सुनिश्चित करना है, बल्कि एक समर्पित और नागरिक-केंद्रित सेवा प्रदान करना भी है। यह दृष्टिकोण भारत के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकता है।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

ईपीएफओ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ईपीएफओ का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय कल्याण सुनिश्चित करना है।
कर्मचारी नामांकन योजना 2025 क्या है?
यह योजना नियोक्ताओं को पात्र कर्मचारियों के स्वेच्छा से नामांकन के लिए प्रोत्साहित करती है।
ईपीएफओ की स्थापना कब हुई थी?
ईपीएफओ की स्थापना 1 नवंबर 1952 को हुई थी।
सामाजिक सुरक्षा का महत्व क्या है?
सामाजिक सुरक्षा लोगों की आर्थिक सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करती है।
मंत्री ने किस विषय पर जोर दिया?
मंत्री ने सदस्यों की संतोषजनक सेवा और सेवा वितरण में निष्पक्षता पर जोर दिया।