क्या मेजर शैतान सिंह की जयंती पर फरहान अख्तर हुए इमोशनल?
सारांश
Key Takeaways
- मेजर शैतान सिंह भाटी का बलिदान हमें प्रेरित करता है।
- फरहान अख्तर की फिल्म '120 बहादुर' उनके जीवन पर आधारित है।
- 1962 का भारत-चीन युद्ध एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है।
- शहीदों को श्रद्धांजलि देना हमारी जिम्मेदारी है।
- युद्ध में शहीद हुए 120 बहादुरों का योगदान अद्वितीय है।
मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 1962 के भारत-चीन युद्ध में दुश्मन सेना का सामना करते हुए बहादुरी दिखाने वाले शहीद मेजर शैतान सिंह भाटी को उनकी जयंती पर बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर ने याद किया है। अभिनेता ने भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए 120 वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
फरहान ने अपनी फिल्म '120 बहादुर' में मेजर शैतान सिंह का किरदार निभाया है, जो कि 21 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।
फरहान ने इंस्टाग्राम पर शहीद मेजर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "आज मेजर शैतान सिंह भाटी (पीवीसी) को उनकी 101वीं जयंती पर याद करते हुए हम उनसे और रेजांग ला की लड़ाई में उनके नेतृत्व में लड़े गए 120 निडर योद्धाओं से प्रेरणा लेते रहें। एक बार फिर, उनके बेटे नरपत सिंह जी और भाटी परिवार को मेरा गहरा सम्मान और आभार। जय हिंद।"
इस पोस्ट को फैंस भी पसंद कर रहे हैं और फिल्म में उनके द्वारा निभाए गए किरदार की प्रशंसा कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, "आपने शानदार प्रदर्शन किया और इस महान व्यक्ति को आदरपूर्वक सम्मानित किया।" एक अन्य यूजर ने कहा, "अहीर धाम अब हमारे लिए एक तीर्थस्थल है। इस महाकाव्य युद्ध को पुनः जीवंत करने के लिए आपको और आपकी टीम को धन्यवाद, जिसे अनंत काल तक याद रखा जाएगा।"
फरहान अख्तर की फिल्म 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध पर आधारित है। मेजर शैतान सिंह 1949 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और उन्होंने पहले 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी में सेवा की थी।
चीन के साथ युद्ध के दौरान उन्होंने चार्ली कंपनी का नेतृत्व किया था। 3000 चीनी सैनिकों का सामना करते हुए उन्होंने वीर गति प्राप्त की। युद्ध के दौरान चुशूल की रणनीतिक हवाई पट्टी को बचाने के लिए 120 बहादुरों का सामना चीन के आधुनिक हथियारों से लैस 3000 दुश्मनों से हुआ। बताया जाता है कि उस समय बर्फीले मौसम में युद्ध करना अत्यंत कठिन था। हथियार जाम हो जाते थे और शरीर ठंड से सुन्न हो जाता था। इतनी कठिनाइयों के बावजूद 120 बहादुरों ने चीनी सेना के 1300 जवानों को मार गिराया, हालांकि हमने अपने 114 जवान भी खो दिए, जिसमें मेजर शैतान सिंह भाटी भी शामिल थे।