क्या फरीदाबाद प्रशासन ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जांच का आदेश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- फरीदाबाद प्रशासन ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ज़मीन की जांच का आदेश दिया है।
- ज़मीन का उपयोग और ख़ाली हिस्से की जानकारी एकत्र की जा रही है।
- हालिया धमाकों के संदर्भ में यह जांच बेहद महत्वपूर्ण है।
- ईडी और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों को भी शामिल किया गया है।
- जांच का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
फरीदाबाद, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। फरीदाबाद जिला प्रशासन ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ज़मीनों की गहन जांच का आदेश दिया है। धौज गांव में स्थित इस यूनिवर्सिटी की ज़मीन लगभग 78 एकड़ में फैली हुई है, और अब प्रशासन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इस ज़मीन का कितना हिस्सा उपयोग किया जा रहा है और कितना खाली पड़ा है।
इसके लिए पटवारी यूनिवर्सिटी की ज़मीन की माप कर रहे हैं और ज़मीन की लंबाई, चौड़ाई और जहाँ इमारतें बनी हैं, उसका पूरा लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है।
صرف ज़मीन की माप ही नहीं, बल्कि प्रशासन यह भी जानने का प्रयास कर रहा है कि ये ज़मीन किससे और किस कीमत पर खरीदी गई थी। यूनिवर्सिटी ने ज़मीन खरीदने में किन लोगों को पैसे दिए और कितने दिए, इसका भी पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए एक कार ब्लास्ट ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। धमाके की जांच में हरियाणा के फरीदाबाद जिले स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय का नाम सामने आया।
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के हॉस्पिटल में काम करने वाले कुछ डॉक्टर, जिसमें जम्मू-कश्मीर समेत अन्य स्थानों के लोग शामिल थे, देशभर में कई धमाके करने की योजना बना रहे थे।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय बैठक हुई। बैठक में 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच की प्रगति की डेढ़ घंटे तक समीक्षा की गई। इसके बाद ईडी और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिए गए कि वे हरियाणा स्थित इस विश्वविद्यालय के धन के लेन-देन की गहन जांच करें।
इसको लेकर शुक्रवार को जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर यह पता लगाने को कहा है कि यूनिवर्सिटी की ज़मीन का कितना हिस्सा उपयोग में लाया जा रहा है। साथ ही इससे जुड़े लेनदेन को भी खंगालने का आदेश दिया गया है।