क्या फरीदकोट के डीएसपी राजनपाल रिश्वत मामले में गिरफ्तार हुए?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- डीएसपी राजनपाल की गिरफ्तारी
- विभागीय जांच के आदेश
- राज्य सतर्कता ब्यूरो की कार्रवाई
- रिश्वत लेने की कोशिश का प्रयास
चंडीगढ़, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के एक मामले में सख्त कदम उठाया है। फरीदकोट शहर में तैनात डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) राजनपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि फरीदकोट के डीएसपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) ने अपने खिलाफ दर्ज शिकायत को खत्म करने के लिए सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) कार्यालय में तैनात अधिकारियों को कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत देने का प्रयास किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "खुलासे के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत डीएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और अधिकारी को हिरासत में लिया गया।" विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।
इससे पहले, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए राज्य सतर्कता ब्यूरो ने बठिंडा जिले में डीएसपी भुच्चो के रीडर को सोमवार को गिरफ्तार किया। डीएसपी के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में तैनात हेड कांस्टेबल राज कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी पुलिस अधिकारी को बठिंडा जिले के नथाना तहसील के गांव कल्याण सुखा निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया।
प्रवक्ता के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि खेती की जमीन के विवाद के चलते दूसरे पक्ष ने उसके पति और दोनों बेटों के खिलाफ थाना नथाना में झूठा केस दर्ज करवाया है, जिसकी जांच भुच्चो के डीएसपी कर रहे हैं। इसके बाद रीडर राज कुमार ने महिला के मोबाइल नंबर से दो बार फोन करके बताया कि उसने इस दोबारा जांच के संबंध में डीएसपी से बात की है और रिपोर्ट पर सिर्फ डीएसपी के हस्ताक्षर होने बाकी हैं।
कथित तौर पर केस रद्द करवाने के लिए उसने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी। आरोपी राज कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि पहली किस्त के तौर पर एक लाख रुपये तुरंत दिए जाएं, ताकि वह काम करवा सके। शिकायतकर्ता ने इस बातचीत को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करके विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया था।