क्या फर्रुखाबाद में कंधे से कंधा मिलाकर अग्निवीरों ने किया जोश का प्रदर्शन?

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क्या फर्रुखाबाद में कंधे से कंधा मिलाकर अग्निवीरों ने किया जोश का प्रदर्शन?

सारांश

फर्रुखाबाद में आयोजित पासिंग आउट परेड में 565 अग्निवीरों ने अपने कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस विशेष अवसर पर उनके परिवार ने गर्व महसूस किया। जानें इस परेड की खास बातें और अग्निवीरों की भावना।

Key Takeaways

  • 565 अग्निवीरों का सफल प्रशिक्षण समाप्त हुआ।
  • परेड का निरीक्षण ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा ने किया।
  • अग्निवीरों ने कर्तव्य और बलिदान के मूल्यों को सीखा।
  • बेस्ट अग्निवीर का पुरस्कार यश चौहान को मिला।
  • परिवारों ने इस अवसर पर गर्व महसूस किया।

फर्रुखाबाद, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण के 31 सप्ताह के सफल समापन के बाद, मंगलवार को 565 अग्निवीर और रिक्रूट्स ने फतेहगढ़ राजपूत रेजीमेंट में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया। यह भव्य पासिंग आउट परेड फतेहगढ़ के करिअप्पा मैदान में आयोजित की गई, जिसका निरीक्षण ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा, युद्ध सेवा मेडल कमांडेंट, फतेहगढ़ राजपूत रेजीमेंट सेंटर ने किया। परेड का नेतृत्व अग्निवीर रिक्रूट दुष्यंत प्रताप सिंह ने किया।

परेड के दौरान अग्निवीरों की उत्साह और जोश से पूरा रेजीमेंट परिसर गूंज उठा। उनके माता-पिता और परिवारजन भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने बच्चों को सैनिक वर्दी में देखकर गर्व महसूस किया।

अग्निवीरों ने पिछले 31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के दौरान कर्तव्य, निष्ठा, सम्मान और बलिदान के उच्च मूल्यों को सीखा है और अब वे देश भर में राजपूत रेजीमेंट की विभिन्न बटालियनों में सेवा करने के लिए तैयार हैं।

इस बैच में कुल 427 अग्निवीर और 138 प्रादेशिक सेना रिक्रूट्स ने प्रशिक्षण पूरा किया। बैच 6 के अग्निवीर यश चौहान को 'ओवरऑल बेस्ट इन मेरिट' के लिए बेस्ट अग्निवीर पदक से सम्मानित किया गया।

राजपूत रेजीमेंट सेंटर के कमांडेंट ने सभी अग्निवीरों और रिक्रूट्स को बधाई दी और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राजपूत परिवार का हिस्सा बनना गर्व की बात है, और अब प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई चीजों को देश की सेवा में लाने का समय है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध और सुरक्षा के बदलते तरीकों से निपटने के लिए नई तकनीक सीखते रहना जरूरी है।

अग्निवीर महावीर सिंह राठौर ने बताया कि यह उनके जीवन का सबसे खुशी का दिन है और वे विजय या वीरगति के संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे। अग्निवीर प्रमोद सिंह ने कहा कि भारतीय सेना में शामिल होकर उन्हें बहुत खुशी है। उन्होंने अपने माता-पिता और परिवार को श्रेय दिया और कहा कि मेहनत करने वाले युवा अपने सपने जरूर पूरे कर सकते हैं।

अग्निवीरों के परिवारजन भी बेहद खुश थे। वीणा सिंह ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनके बेटे को देश की सेवा का मौका मिला। उन्होंने पूरे परिवार की मेहनत और समर्थन का श्रेय दिया, खासकर अपने देवर को।

एक अन्य परिजन और भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने बताया कि उनका बेटा भी आज अग्निवीर में शामिल हुआ और यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है। उनका मानना है कि युवाओं को देश की सेवा के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि युवा पीढ़ी को देश की सेवा में आगे आना चाहिए। अग्निवीरों का यह परेड केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे देश का प्रतीक है जो अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित है।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

फर्रुखाबाद में पासिंग आउट परेड कब आयोजित हुई?
यह परेड 2 दिसंबर को आयोजित की गई।
कितने अग्निवीरों ने इस बैच में प्रशिक्षण पूरा किया?
इस बैच में कुल 565 अग्निवीरों और रिक्रूट्स ने प्रशिक्षण पूरा किया।
इस परेड में किसने निरीक्षण किया?
परेड का निरीक्षण ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा ने किया।
बेस्ट अग्निवीर का पुरस्कार किसे मिला?
बैच 6 के अग्निवीर यश चौहान को 'ओवरऑल बेस्ट इन मेरिट' के लिए पुरस्कार दिया गया।
अग्निवीरों के परिवारजन इस परेड को लेकर कैसा महसूस कर रहे थे?
अग्निवीरों के परिवारजन गर्व और खुशी से भरे हुए थे।
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