क्या फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए खतरा हैं? डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता क्यों है: अश्विनी वैष्णव

Click to start listening
क्या फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए खतरा हैं? डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता क्यों है: अश्विनी वैष्णव

सारांश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया और एआई-जनरेटेड डीपफेक पर सख्त नियम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। क्या आपको लगता है कि ऐसी खबरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए?

Key Takeaways

  • फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
  • सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं तेजी से फैल रही हैं।
  • सरकार ने 36 घंटों के भीतर वीडियो हटाने का प्रावधान किया है।
  • डीपफेक की पहचान के लिए नियम बनाए जा रहे हैं।
  • लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संतुलन आवश्यक है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि सोशल मीडिया और फर्जी खबरों से संबंधित मुद्दा अत्यंत गंभीर है। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, गलत सूचनाओं और एआई-जनरेटेड डीपफेक पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति या समूह जिस प्रकार से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि वे भारत के संविधान या पार्लियामेंट द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करने में रुचि नहीं रखते। उन्होंने इस संबंध में सख्त नियम बनाने और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि हाल ही में नए नियम लागू किए गए हैं, जिनमें 36 घंटों के भीतर वीडियो हटाने का प्रावधान भी शामिल है। एआई-जनित डीपफेक की पहचान करने और उन पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए एक मसौदा नियम भी प्रकाशित किया गया है, जिस पर विचार-विमर्श चल रहा है।

उन्होंने संसदीय समिति के कार्य की सराहना की और कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रमुख सिफारिशों वाली एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फर्जी खबरें और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा के बीच एक संवेदनशील संतुलन की आवश्यकता है और सरकार इस संतुलन को बनाए रखने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'डिजिटल इंडिया' पहल ने एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है और तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया है, जिसके सकारात्मक प्रभावों को स्वीकार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने भी प्रत्येक नागरिक को एक मंच प्रदान किया है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार संस्थाओं और समाज की नींव रखने वाले विश्वास को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है।

Point of View

बल्कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। सरकार को चाहिए कि वह सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए, ताकि जनता के बीच विश्वास बना रहे।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी खबरें लोकतंत्र को कैसे प्रभावित करती हैं?
फर्जी खबरें जनता को भ्रामक जानकारी देती हैं, जिससे चुनाव और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय प्रभावित हो सकते हैं।
डीपफेक क्या है?
डीपफेक एक तकनीक है जो एआई का उपयोग करके वास्तविक वीडियो या ऑडियो को बदल देती है, जिससे गलत सूचनाएं फैल सकती हैं।
सरकार फर्जी खबरों का समाधान कैसे करेगी?
सरकार नए नियमों के जरिए सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखेगी और गलत सूचनाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगी।
Nation Press