क्या मुंबई में फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर एक करोड़ की ठगी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करना एक गंभीर अपराध है।
- सुरक्षा और विश्वास की भावना को बनाए रखना आवश्यक है।
- ठगी की घटनाओं की रिपोर्ट करना समाज की जिम्मेदारी है।
मुंबई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में एक गैस डीलर के साथ फर्जी सीनियर पुलिस अधिकारी बनकर 1 करोड़ रुपए की ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में शिकायत के आधार पर दिंडोशी पुलिस ने बीएनएस की धारा 308(4), 308(5), 308(6) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना तब उजागर हुई जब पीड़ित गैस डीलर को सुरक्षित बरामद किया गया।
जानकारी के अनुसार, मालाड पूर्व में रहने वाले राहुल गुप्ता (39) भारत पेट्रोलियम गैस के प्रमुख डीलर हैं। 15 दिसंबर को वह अचानक घर से लापता हो गए थे। उनकी पत्नी ने दिंडोशी पुलिस स्टेशन में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 19 दिसंबर को राहुल को पालघर के दहानू रेलवे स्टेशन से सुरक्षित ढूंढ निकाला। पूछताछ के दौरान राहुल ने जो कहानी सुनाई, उसने सबको चौंका दिया।
राहुल ने बताया कि मलाड के अप्पा पाड़ा में उनका गैस गोदाम है, जहां पिछले तीन-चार साल से गणपति मंडल के लिए प्रवीण खेडेकर नाम का व्यक्ति चंदा मांगने आता था। सितंबर में उसने खुद को संकट में बताते हुए राहुल से 2,100 रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद सितंबर-अक्टूबर के बीच चार बार में कुल 10,600 रुपए लिए। कुछ दिन बाद राहुल को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का जॉइंट सीपी बताते हुए आरोप लगाया कि प्रवीण खेडेकर ने हत्या की है और राहुल ने उसे सुपारी देकर भुगतान किया है।
कॉलर ने गैस डीलर को गिरफ्तारी की धमकी दी और इससे बचने के लिए तुरंत 50 हजार रुपए भेजने को कहा। डर और दबाव में राहुल ने धनजेवाड़ी बीएमसी गार्डन के पास उस शख्स को यह पैसे नकद दे दिए जिसे कथित रूप से जॉइंट सीपी का आदमी बताया गया था। इसके बाद ठगी का खेल और भी तेज हुआ, जिसमें अंधेरी फ्लाईओवर के पास राहुल से 7 लाख रुपए नकद ऐंठ लिए गए। बाद में फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर 20 लाख रुपए और मांगे गए और धमकी दी गई कि पैसे न दिए तो उनका एनकाउंटर कर दिया जाएगा और परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
इसके बाद राहुल को अविनाश शिंदे नाम के एक कथित पुलिस अधिकारी का फोन आया, जिसने खेडेकर की हत्या केस को सेटल करने के लिए 7 लाख रुपए मांगे। इसके बाद 20 लाख रुपए की और मांग की गई। इस दौरान पीड़ित का एनकाउंटर करने और परिवार को किडनैप करने की धमकी दी गई। इन लगातार धमकियों में राहुल ने करीब 65 वर्षीय एक व्यक्ति को अलग-अलग किश्तों में लगभग 80 लाख रुपए नकद दिए। बाकी रकम उसके बैंक ऑफ इंडिया खाते से आरोपी द्वारा बताए गए कई बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई।
14 दिसंबर को ठगों ने जब एक और बड़ी रकम की मांग की, तो मानसिक रूप से टूट चुके राहुल बिना किसी को बताए घर से निकल गए। पुलिस को आशंका है कि वह आत्महत्या करने का विचार लेकर निकले थे। लेकिन उसी दिन उनकी पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और पांच दिन बाद पुलिस उन्हें पालघर क्षेत्र से खोज लाई।
राहुल का पूरा बयान दर्ज करने के बाद दिंडोशी पुलिस ने चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 308(4), 308(5), 308(6) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब कॉल डिटेल्स, बैंक लेनदेन और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस संगठित ठगी में शामिल गिरोह की पहचान करने का प्रयास कर रही है।