क्या फतेहपुर घटना पर सरकार सख्त है, कानून हाथ में लेने वालों को मिलेगी सख्त सजा?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
- कानून अपने हाथ में लेने वालों को सख्त सजा दी जाएगी।
- घटना के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।
- सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
- विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए घटना का उपयोग करने का आरोप।
लखनऊ, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फतेहपुर में हाल ही में हुई घटना को लेकर विपक्ष के सवालों के बीच, यूपी विधानसभा में मंगलवार को वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने साफ किया कि राज्य सरकार और उसका कोई भी तंत्र इस घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के सवाल का जवाब देते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना में सरकार का और सरकारी तंत्र का कोई संलिप्तता नहीं है, इसका हम पूरी तरह से खंडन करते हैं।
उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद 11 अगस्त को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। इस एफआईआर में 10 नामजद आरोपियों के साथ 150 अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं, धारा 190, 191(2), 191(3), 301, 196, के साथ ही आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-7 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा-2, 3 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि ये धाराएं इस बात का संकेत हैं कि सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। घटना के संबंध में दर्ज की गई रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकार अपना काम कर रही है। इसमें कानून अपना काम कर रहा है और जो भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंड जरूर मिलेगा।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर हाल में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना है और किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विपक्ष इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और बिना देरी किए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी।
इस मामले की गंभीरता को लेकर योगी सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो हिंदूवादी नेता मामले में पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, उनका सरकार पर कोई दबाव नहीं है। सरकार हर कीमत पर कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
इसके तहत, प्रदेश सरकार ने क्षेत्र में 10 थानों की पुलिस फोर्स, दो कंपनी पीएसी और प्रशासन की पूरी टीम तैनात कर दी है। दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल सामान्य किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि मामला शांत होने के बाद कार्रवाई का दौर शुरू होगा।