क्या धावक फौजा सिंह का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- फौजा सिंह का जीवन प्रेरणादायक था।
- उन्हें उम्र के 114 वर्ष में भी मैराथन दौड़ने के लिए जाना जाता था।
- उनका निधन एक सड़क दुर्घटना के कारण हुआ।
- अंतिम संस्कार में पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल हो सकते हैं।
- फौजा सिंह का नाम न केवल जालंधर, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है।
जालंधर, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विश्व के सबसे उम्रदराज 114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह का अंतिम संस्कार आज, रविवार को दोपहर 12 बजे उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। उनके विदेश में निवास करने वाले पारिवारिक सदस्य भी इस अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जालंधर पहुँच चुके हैं। फौजा सिंह एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे, जिसके बाद उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
सुबह लगभग 7:30 बजे, फौजा सिंह के पार्थिव शरीर को जालंधर के सिविल अस्पताल से उनके निवास स्थान पर लाया गया। उनके परिवार के सदस्य भी विदेश से आ चुके हैं।
अंतिम संस्कार में भाग लेने और फौजा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी 'ब्यास पिंड' पहुँच सकते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन और कई सामाजिक संगठनों के लोग भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि 14 जुलाई (सोमवार) को फौजा सिंह को एक एनआरआई द्वारा अपनी तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर से टक्कर मारी गई थी। यह दुर्घटना उनके गांव ब्यास पिंड के पास, पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय हाईवे के निकट हुई थी, जिसमें फौजा सिंह की मृत्यु हो गई।
फौजा सिंह की मृत्यु के 6 दिन बाद उनका अंतिम संस्कार हो रहा है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उनका परिवार विदेश में रहता है और वे अब तक गांव नहीं पहुँच सके थे। इस वजह से अंतिम संस्कार में देरी हुई। उनका परिवार शनिवार को गांव पहुँच गया है।
जालंधर के ब्यास पिंड के निवासी, फौजा सिंह, अपनी उम्र के बावजूद फिटनेस के लिए प्रसिद्ध थे। फौजा सिंह का नाम केवल जालंधर में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में जाना जाता था।
उन्होंने अपनी उम्र के 90वें दशक में भी मैराथन दौड़ में भाग लेकर कई रिकॉर्ड बनाए थे। फौजा सिंह के निधन पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं और उनके योगदान को याद किया है।