क्या 'फिट इंडिया' अभियान विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत जनआंदोलन बना?

सारांश
Key Takeaways
- फिट इंडिया अभियान का लक्ष्य लोगों को फिट रहने के लिए प्रेरित करना है।
- साइकिलिंग पेट्रोल की बचत और प्रदूषण कम करने में मदद करती है।
- इस कार्यक्रम में 50,000 से ज़्यादा गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- यह आंदोलन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रहा है।
- साइकिलिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) 'फिट इंडिया - संडे ऑन साइकिल' पहल के अंतर्गत, देशभर से युवा और फिटनेस प्रेमी रविवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एकत्रित हुए।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने इस महत्वाकांक्षी अभियान का उद्घाटन किया और लोगों से साइकिल चलाने को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन के तहत आयोजित किया गया था, जिसमें फिट इंडिया चैंपियनशिप के अंतर्गत 'संडे ऑन साइकिल विद पंचायत' का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में भागीदारी देखी गई।
मांडविया ने मीडिया के समक्ष कहा, "साइकिलिंग प्रदूषण का समाधान है; यही फिट इंडिया का मंत्र है। इससे पेट्रोल की बचत होती है और यह व्यायाम का एक बेहतरीन तरीका है। इसलिए, लोगों को फिट रहने के लिए साइकिलिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इस तरह, हम विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के और करीब पहुंचेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का फिट इंडिया अभियान अब 'संडे ऑन साइकिल' के रूप में एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है। आज, 50,000 से ज़्यादा गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों ने फिट इंडिया के संदेश को फैलाने के लिए साइकिल चलाकर इसमें भाग लिया।
मांडविया ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों से बढ़ती भागीदारी इस आंदोलन की व्यापकता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, "यह दिखाता है कि यह अभियान अब एक व्यापक आंदोलन बन गया है, जिसमें न केवल शहरवासी, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीण भी इस चैंपियनशिप में शामिल हो रहे हैं। हमें गर्व है कि लोग अब फिटनेस पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।"
कार्यक्रम में शामिल पंचायत सदस्यों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समुदायों में फिट रहने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस प्रकार की पहल नियमित रूप से दोहराई जानी चाहिए।
पंचायत सदस्य कृष्णा यादव ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "अगर हम हर रविवार को लोगों के लिए साइकिलिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करें, तो इससे ज़्यादा लोग नियमित रूप से साइकिल चलाने और फिटनेस बनाए रखने के लिए प्रेरित होंगे।"
एक अन्य पंचायत सदस्य, ऋषि भूटानी ने फिटनेस के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, "यह साइकिलिंग प्रतियोगिता बहुत अच्छी रही। मैं कई वर्षों से जिम जा रहा हूं और मुझे फिटनेस का बहुत शौक है। जब भी हम फिटनेस की बात करते हैं, खासकर फिट इंडिया की, तो हम अक्सर सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं, लेकिन मानसिक फिटनेस भी उतनी ही जरूरी है। इसके लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।"