क्या एफटीए से कृषि क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है, 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे गए?

सारांश
Key Takeaways
- कृषि क्षेत्र में एफटीए द्वारा प्रगति
- 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड का वितरण
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ
- ई-नाम प्लेटफॉर्म से मंडियों का एकीकरण
- उर्वरक की उपलब्धता और सब्सिडी
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के माध्यम से सहायक नीतियों, राजकोषीय प्रोत्साहनों, कम टैरिफ बाधाओं और नए बाजारों तक पहुंच के जरिए कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
16वें एग्रीकल्चर लीडरशिप कॉनक्लेव में संबोधन करते हुए मंत्री ने कहा कि संतुलित उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से फसल ऋण को सुलभ बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि क्षेत्र को अपने विकास एजेंडे में प्राथमिकता दी है। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत बड़ी संख्या में किसान परिवारों को लाभ मिला है। इसके साथ ही, 1,400 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया है, जिससे देशभर के किसानों को फसल की कीमतों की वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने और बाजार संपर्क बढ़ाने में मदद मिली है।
मंत्री गोयल ने बताया, "उर्वरक क्षेत्र में, सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त सब्सिडी दी है। इसके अलावा, कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों को समय पर उर्वरक की सप्लाई सुनिश्चित की गई।"
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और निर्यात में गिरावट के बावजूद, भारत का कृषि क्षेत्र ने शानदार मजबूती दिखाई है। भारतीय किसानों के प्रयासों ने कृषि-निर्यात के स्थिर प्रदर्शन को भी समर्थन दिया है। इसके साथ ही कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन निर्यात 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
कृषक समुदाय ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और 'लोकल गोज ग्लोबल' के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मंत्री गोयल ने कहा कि भारत के किसान बासमती चावल, मसाले, ताजे फल और सब्जियों, बागवानी और फूलों की खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन और मुर्गी पालन में वैश्विक सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भू-स्थानिक तकनीक, मौसम पूर्वानुमान प्रणाली, वर्टिकल फार्मिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-सक्षम उपकरणों के माध्यम से डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने पर सरकार के ध्यान को रेखांकित किया।