क्या गन्ना कृषकों के श्रम का सम्मान सुशासन का सच्चा स्वरूप है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ?

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क्या गन्ना कृषकों के श्रम का सम्मान सुशासन का सच्चा स्वरूप है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ?

सारांश

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके तहत पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। यह निर्णय किसानों के जीवन में नई उम्मीद और आत्मनिर्भरता की मिठास भरेगा।

Key Takeaways

  • गन्ना मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि
  • किसानों को 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ
  • प्रदेश में 122 चीनी मिलों का संचालन
  • गन्ना किसान प्रदेश की अर्थव्यवस्था के स्तंभ
  • निवेशोन्मुख नीतियों से चीनी उद्योग में वृद्धि

लखनऊ, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे गन्ना किसान प्रदेश की समृद्धि के आधार स्तंभ हैं। यह निर्णय लाखों गन्ना किसानों के जीवन में नई उम्मीद, नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की मिठास घोलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "गन्ना कृषकों के श्रम का सम्मान सुशासन का सच्चा स्वरूप है।" इस भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि का निर्णय लिया है। अब अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का मूल्य 390 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस निर्णय से गन्ना कृषकों को लगभग 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा।

योगी सरकार के कार्यकाल में यह चौथी बार है, जब गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। यह निर्णय न सिर्फ गन्ना किसानों की आमदनी में वृद्धि करेगा, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण अर्थतंत्र में नई ऊर्जा भी भरेगा।

इस फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि किसानों के परिश्रम का सम्मान करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सशक्त स्तंभ हैं। गन्ना हमारे ग्रामीण जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है और हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य सही समय पर उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है।

उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को अब तक 2,90,225 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो वर्ष 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों में किसानों को कुल मात्र 1,47,346 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था। इस प्रकार सरकार ने मात्र साढ़े 8 साल में पिछली सरकारों के मुकाबले 1,42,879 करोड़ रुपए अधिक भुगतान कर नया इतिहास रचा है।

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में जहां 21 मिलें औने-पौने दामों पर बेची गई थीं, वहीं सरकार के पारदर्शी प्रबंधन और निवेशोन्मुख नीतियों से इस उद्योग में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित हुआ है। पिछले 8 साल में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलें फिर से शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता में विस्तार हुआ। इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि दर्ज हुई है। साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को भी बल मिला है।

Point of View

NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

गन्ना मूल्य में वृद्धि से किसानों को क्या लाभ होगा?
किसानों को 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
यह निर्णय कब लागू होगा?
यह निर्णय पेराई सत्र 2025-26 से लागू होगा।
गन्ना मूल्य में यह वृद्धि कितनी है?
गन्ना मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
उत्तर प्रदेश में कितनी चीनी मिलें हैं?
प्रदेश में वर्तमान में 122 चीनी मिलें संचालित हैं।
पिछले वर्षों में गन्ना किसानों को कितना भुगतान किया गया?
पिछले 8 साल में 2,90,225 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।