क्या झारखंड के चाईबासा अस्पताल मामले में हत्या के प्रयास का मुकदमा चलेगा?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड के चाईबासा अस्पताल में पांच थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए।
- भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे आपराधिक लापरवाही बताया।
- उन्होंने हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाने की मांग की।
- अस्पताल में अवैध ब्लड बैंक चल रहा है।
- स्वास्थ्य मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराने की मांग की गई।
रांची, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से ग्रसित पांच बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के खुलासे ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे केवल लापरवाही नहीं, बल्कि आपराधिक लापरवाही करार दिया है।
प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इस व्यवस्था को धीमी हत्या कहना उचित है। जैसे धीमा जहर जानलेवा होता है, वैसे ही ये थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे पहले से ही संघर्ष कर रहे थे। ये लोग खून मांगने गए थे और उन्हें एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ सकती है।"
उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल चाईबासा जिले का सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल है, जहां के ब्लड बैंक के पास कोई लाइसेंस नहीं है। सरकारी अस्पताल में अवैध तरीके से चल रहा ब्लड बैंक, चिंता का विषय है। यह समस्या केवल चाईबासा में नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी देखने को मिल सकती है। हमारी मांग है कि इस घटना के लिए हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
प्रतुल शाहदेव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि अधिकारियों का निलंबन पर्याप्त नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उनके खिलाफ भी हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाया जाए।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र पर बात करते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, इसलिए वे जो भी वादा कर रहे हैं, वह केवल हवा में है। तेजस्वी ने हर परिवार को नौकरी देने का वादा किया है, लेकिन बिहार सरकार का बजट ही इतना नहीं है कि यह पूरा किया जा सके।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों पर विश्वास है कि इनके नेतृत्व में बिहार का विकास हो रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने एसआईआर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष का सबसे आसान काम चुनाव आयोग पर हमला करना है, इसलिए वे इस तरह के बयान देते रहते हैं।