क्या छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नक्सलियों का डंप सामग्री बरामद हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- नक्सलियों के डंप सामग्री पर पुलिस और सीआरपीएफ की सफल कार्रवाई।
- सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति ने नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम किया।
- स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम।
- भविष्य में भी नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
- इस कार्रवाई ने ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना को बढ़ाया।
गरियाबंद, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक संयुक्त टीम ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मैनपुर थाना क्षेत्र के भालू डिग्गी जंगल में नक्सलियों द्वारा छिपाई गई भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई है। यह सामग्री प्रतिबंधित माओवादी संगठन एसडीके एरिया कमेटी द्वारा पुलिस और ग्रामीणों को हानि पहुँचाने तथा क्षेत्र में भय फैलाने के लिए डंप की गई थी।
स्थानीय सूचना तंत्रों से प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 17 अक्टूबर को संयुक्त अभियान शुरू किया। इस अभियान में कुल्हाड़ीघाट 65(एफ) बटालियन सीआरपीएफ, बिंद्रानवागढ़ 65(जी) बटालियन सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम शामिल थी। टीम ने जंगल और पहाड़ी इलाके में सर्चिंग की। सघन तलाशी के दौरान पुलिस को मैगजीन पोच, मेडिकल टैबलेट, फोल्डिंग स्टूल, तिरपाल सहित नक्सलियों द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली अन्य सामग्री मिली।
पुलिस के अनुसार, यह सामग्री नक्सलियों द्वारा क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने और सुरक्षाबलों पर हमलों की योजना बनाने के लिए इकट्ठा की गई थी। बरामद सामग्री ने नक्सलियों के मंसूबों को एक बड़ा झटका दिया है। यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
जिला पुलिस और सीआरपीएफ की इस संयुक्त कार्रवाई ने न केवल नक्सलियों की योजनाओं को विफल किया है, बल्कि ग्रामीणों में भी सुरक्षा की भावना को बढ़ाने का कार्य किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी खुफिया सूचनाओं के आधार पर नक्सलियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखे हुए हैं और ग्रामीणों से सहयोग की अपील कर रहे हैं।
यह सफलता छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच बेहतर समन्वय और रणनीति का परिणाम है। नक्सलियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाइयां न केवल उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सहायक होती हैं, बल्कि क्षेत्र में विकास और शांति के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती हैं।
सुरक्षाबलों का यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।