क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत गाजीपुर में किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीक पर जानकारी दी गई?
सारांश
Key Takeaways
- ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत होती है।
- मिनी स्प्रिंकलर फसल उत्पादन में मदद करते हैं।
- योजना के तहत अनुदान उपलब्ध है।
- किसानों को तकनीकी जानकारी आवश्यक है।
- आधुनिक खेती के लिए जागरूकता जरूरी है।
गाजीपुर, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके लिए नई तकनीक और संसाधनों के प्रति जागरूक रहना अनिवार्य हो गया है। इसी क्रम में कृषि वैज्ञानिक और संबंधित विभाग किसानों को रोज नई तकनीकों की जानकारी दे रहे हैं। इसी के तहत उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
गाजीपुर में किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए जिला उद्यान कार्यालय में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में लगभग 100 जागरूक किसानों ने भाग लिया।
संगोष्ठी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी.के. सिंह, डॉ. डी.के. सिंह और 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' प्रणाली विकसित करने वाली कंपनी के विशेषज्ञ शामिल हुए। इन सभी ने किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। किसानों को बताया गया कि ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर और माइक्रो स्प्रिंकलर जैसी तकनीकें पानी की बचत करती हैं और फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती हैं।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने सरल भाषा में समझाया कि ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर से पानी सीधे पौधे की जड़ों तक पहुंचता है, जिससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि खाद और दवाई की मात्रा भी कम लगती है। इससे पैदावार बढ़ती है और खेत में नमी भी लंबे समय तक बनी रहती है। पोर्टेबल और माइक्रो स्प्रिंकलर भी कम लागत में बड़े क्षेत्रों को सिंचित करने में सहायक होते हैं।
योजना के तहत ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर पर 90 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध है, जबकि पोर्टेबल स्प्रिंकलर और रेन गन पर 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है।
किसानों की सुविधा के लिए कार्यक्रम में योजना से संबंधित बुकलेट भी वितरित की गईं, ताकि वे घर जाकर भी पूरी जानकारी समझ सकें। साथ ही सभी किसानों से अपील की गई कि अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ उठाएं।