क्या आत्मचिंतन करेंगे राहुल गांधी, अन्यथा बार-बार असफल होते रहेंगे: देवेंद्र फडणवीस
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी को आत्मचिंतन की आवश्यकता है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत का महत्व।
- जनता की आवाज़ को सुनना आवश्यक है।
- महागठबंधन को सबक मिला है।
- राजनीतिक विश्लेषण से ही सुधार संभव है।
नागपुर, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को यह सलाह दी है कि यदि वे हार का आत्मचिंतन नहीं करेंगे, तो वे हर बार असफल होते रहेंगे।
यह बयान तब आया जब, बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था, इसलिए परिणाम ऐसे आए।
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, "मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया। बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।"
राहुल के इस पोस्ट पर सीएम फडणवीस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक राहुल गांधी आत्म-परीक्षण नहीं करेंगे, वे लगातार असफल होते रहेंगे।
सीएम फडणवीस ने कहा कि बिहार में यह शानदार जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व के प्रति विश्वास का प्रतीक है। इस जनादेश के लिए बिहार को बधाई और धन्यवाद। बिहार आगे भी सकारात्मक दिशा में विकसित और समृद्ध होगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सबसे पहले, मैं एनडीए को बधाई देना चाहता हूं। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विश्वास का प्रतीक है। गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरह से चुनाव प्रचार को आकार दिया, यह जीत उसी की बदौलत है। हमें बड़ी जीत मिली है। बिहार में लोगों ने जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर एनडीए को वोट दिया, यह एक बड़ा जनादेश है। साथ ही, बिहार ने महागठबंधन, खासकर कांग्रेस को एक सबक दिया। बिहार की जनता ने स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि वे संवैधानिक संस्थाओं और दूसरे राज्यों की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान करते हैं, तो वे उन्हें वोट नहीं देंगे। कांग्रेस को इतनी कम सीटें पहले कभी नहीं मिलीं, अगर वे नहीं सुधरे, तो उनका सफाया हो जाएगा।