क्या प्रवर्तन निदेशालय ने घर खरीदारों से धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की?

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क्या प्रवर्तन निदेशालय ने घर खरीदारों से धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने बेंगलुरु और मुंबई में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। 10 ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। जानिए इस धोखाधड़ी के पीछे की कहानी और क्या है ईडी की जांच का उद्देश्य।

Key Takeaways

  • धोखाधड़ी के गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई।
  • बेंगलुरु और मुंबई में 10 ठिकानों पर छापेमारी।
  • कंपनी ने खरीदारों से धोखाधड़ी कर पैसे वसूले।
  • प्रोजेक्ट का केवल 49 प्रतिशत काम पूरा हुआ।
  • खरीदारों के पैसे वापस नहीं किए गए।

बेंगलुरु, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। बेंगलुरु और मुंबई में 10 ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे हैं। यह छापेमारी 1 अगस्त को ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रबंधन से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ की गई।

प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया। इस समूह से जुड़े ठिकानों और मुख्य प्रमोटर सत्यमूर्ति वासुदेवन के खिलाफ मुंबई और बेंगलुरु में छापे मारे गए। तलाशी के दौरान प्रोजेक्ट फंड की हेराफेरी और उसके दुरुपयोग से संबंधित कई दस्तावेज विभिन्न ठिकानों से प्राप्त हुए।

ईडी ने यह जांच कर्नाटक के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कंपनी और उसके प्रमोटर के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर आरंभ की थी। इन एफआईआर में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पीएमएलए के अंतर्गत की गई जांच में यह बात सामने आई कि कंपनी और उसके प्रबंधन ने बेंगलुरु के देवनहल्ली क्षेत्र में 'ओजोन अर्बाना' प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसमें निवेश करने के लिए सैकड़ों खरीदारों को धोखे में रखकर उनसे धन वसूला गया, और बाद में उन्हें वादे के अनुसार फ्लैट भी उपलब्ध नहीं कराए गए।

कंपनी ने घर खरीदारों को बहकाकर और परियोजना पूरी होने तक बैंकों के लोन की ईएमआई चुकाने का वादा करके पैसे वसूले। खरीदारों को बताया गया कि कंपनी बैंक लोन की ईएमआई का भुगतान करेगी।

साथ ही, बायबैक स्कीम और 2एक्स स्कीम जैसे कई आकर्षक ऑफर देकर भारी छूट का लालच भी दिया गया। हालाँकि, परियोजना को पूरा करने के लिए खरीदारों से वसूला गया पैसा प्रमोटरों ने अन्य प्रोजेक्ट और कंपनियों के लिए ट्रांसफर कर दिया।

इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट को साल 2018 में खरीददारों को सौंपा जाना था, लेकिन 2024 तक केवल 49 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ। कंपनी न तो प्रोजेक्ट सौंप सकी और न ही खरीदारों को उनका पैसा वापस किया। जांच के दौरान कुछ फ्लैटों की दोहरी बिक्री से संबंधित सबूत भी बरामद हुए हैं।

Point of View

यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। धोखाधड़ी के ऐसे मामलों में खरीदारों का विश्वास डगमगाता है। हमें ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और को इस प्रकार की ठगी का शिकार न होना पड़े।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कब और क्यों छापेमारी की?
ईडी ने 1 अगस्त को घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स के खिलाफ छापेमारी की।
कितने ठिकानों पर छापे मारे गए?
ईडी ने बेंगलुरु और मुंबई में कुल 10 ठिकानों पर छापे मारे।
कंपनी की धोखाधड़ी किस प्रकार की थी?
कंपनी ने घर खरीदारों को धोखे में रखकर उनसे धन वसूला और वादे के अनुसार फ्लैट नहीं दिए।
क्या खरीदारों का पैसा वापस किया गया?
नहीं, कंपनी ने न तो प्रोजेक्ट सौंपा और न ही खरीदारों को उनका पैसा वापस किया।