क्या गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा के लिए अग्निशमन विभाग कर रहा है विशेष चेकिंग?

सारांश
Key Takeaways
- अग्निसुरक्षा का पालन कांवड़ यात्रा के लिए आवश्यक है।
- आयोजकों को प्रशिक्षण देने से प्राथमिक प्रतिक्रिया में सुधार होता है।
- अस्थाई शिविरों में सुरक्षा मानकों की जांच की गई।
- सभी शिविरों में आपातकालीन नंबर प्रदर्शित किए जाने चाहिए।
- श्रद्धालुओं से सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की गई।
गाजियाबाद, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन के इस पावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभाग पूरी तरह से तैयार हैं। इसी के चलते, गुरुवार को गाजियाबाद के अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग ने यात्रा मार्ग में स्थित अस्थाई शिविरों और रात्रि विश्राम स्थलों पर अग्निसुरक्षा जांच अभियान का आयोजन किया।
इस अभियान का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के सफल और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करना था। जांच के दौरान, अग्निशमन विभाग की टीमों ने अस्थाई शिविरों में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, पानी की उपलब्धता, विद्युत वायरिंग की स्थिति और अन्य सुरक्षा मानकों की बारीकी से जांच की।
विशेष ध्यान शिविरों में स्थित रसोई क्षेत्रों पर दिया गया, जहां गैस सिलेंडर और चूल्हों का उपयोग किया जा रहा है। विभाग की टीमों ने सिलेंडरों की स्थिति, गैस पाइप की सुरक्षा और वेंटिलेशन की व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। चेकिंग के दौरान उपस्थित आयोजकों और कार्यकर्ताओं को आग लगने की स्थिति में प्राथमिक प्रतिक्रिया देने के लिए अग्निशमन यंत्रों के संचालन का व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
सभी आयोजकों को निर्देश दिया गया कि वे अपने शिविरों में आपातकालीन नंबरों की सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें और सभी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें। फायर विभाग ने कांवड़ यात्रा में जुटे स्वयंसेवकों, आयोजकों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा के दौरान अग्निसुरक्षा नियमों का पूरी सख्ती से पालन करें। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी फायर स्टेशन, पुलिस स्टेशन या जिला कंट्रोल रूम को सूचित करें, ताकि समय रहते प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
इस अभियान के बारे में गाजियाबाद के सीएफओ ने बताया है कि अलग-अलग टीमें कांवड़ शिविरों में जाकर पूरी गहनता से जांच कर रही हैं। वहां मौजूद आयोजकों को शुरुआती आग लगने पर उसे बुझाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।