क्या गाजियाबाद में बहुमंजिला भवनों की फायर ऑडिट जांच तेज हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- अग्निशामक उपकरणों की कार्यशीलता की जांच की जा रही है।
- मॉक ड्रिल का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
- नियमों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- गाजियाबाद में अग्नि सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई होगी।
- आगजनी की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है।
गाजियाबाद, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अग्निशामक तथा आपात सेवा कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा जनपद के सभी बहुमंजिला भवनों की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण एवं फायर ऑडिट किया जा रहा है। यह अभियान उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
फायर ऑडिट के दौरान संबंधित भवनों की अग्निशामक व्यवस्था की कार्यशीलता का परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही, भवनों में निवास कर रहे लोगों एवं तैनात स्टाफ को अग्निशामक उपकरणों की उपयोग विधि की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने की प्रक्रिया को लेकर भी मॉक ड्रिल का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस मॉक ड्रिल के जरिए आग लगने की प्रारंभिक अवस्था में उसे नियंत्रित करने के उपायों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है।
फायर ऑडिट के दौरान जिन बहुमंजिला भवनों में मानकों के अनुरूप अग्निशामक व्यवस्था अनुपलब्ध या निष्क्रिय पाई जाती है, उन भवनों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इन नोटिसों के माध्यम से भवन स्वामियों को अग्निशामक व्यवस्थाओं को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। यदि भवन स्वामी नोटिस के उपरांत भी सुधार नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध न्यायालय में वाद दाखिल कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
आवास विकास परिषद द्वारा सिद्धार्थ विहार सेक्टर-7 में निर्मित एक बहुमंजिला भवन और राजनगर एक्सटेंशन स्थित के.एम. रेजीडेंसी को अग्नि सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन करने पर न्यायालय में वाद का सामना करना पड़ा है। इन भवनों में जरूरी अग्निशामक उपकरण या तो मौजूद नहीं थे या निष्क्रिय पाए गए थे।
कमिश्नरेट ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और जनपद के किसी भी बहुमंजिला भवन में अग्नि सुरक्षा के मानकों की अनदेखी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित रखना और भविष्य में होने वाली किसी भी अग्निकांड की घटना को रोकना है।