क्या गाजियाबाद में क्लब-बार-रेस्टोरेंट्स पर हुई बड़ी कार्रवाई से सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा?
सारांश
Key Takeaways
- गाजियाबाद में 35 प्रतिष्ठानों की अग्नि सुरक्षा जांच हुई।
- कई स्थानों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं में कमी पाई गई।
- सुरक्षा एजेंसियों ने अग्निशामक उपकरणों का परीक्षण किया।
- भविष्य में अग्नि सुरक्षा जांचें जारी रहेंगी।
- सभी भवन स्वामियों को सुरक्षा प्रणाली का ऑडिट कराने के निर्देश दिए गए।
गाजियाबाद, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तरी गोवा के अरपोरा में एक नाइट क्लब में हाल ही में हुई गंभीर दुर्घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियां अधिक सतर्क हो गई हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक, अग्निशामक एवं आपात सेवा, लखनऊ और पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट गाजियाबाद के निर्देश पर जिले में अव्यवस्थित क्लब, बार, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, मॉल और अन्य ऐसे स्थानों पर व्यापक अग्नि सुरक्षा जांच अभियान चलाया गया।
इस अभियान के तहत गाजियाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 35 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इनमें वजीराबाद रोड स्थित रजवाड़ा फार्म हाउस, राजनगर एक्सटेंशन स्थित के डब्ल्यू दिल्ली-6, स्टार हैरीटेज बैंक्वेट हॉल, वीवीआईपी स्टाइल मॉल/मल्टीप्लेक्स, आरडीसी राजनगर स्थित शगुन स्वीट्स, जीटी रोड का होटल वेस्ट व्यू, मोदीनगर के महाराजा होटल एंड रेस्टोरेंट और नील होटल, इंदिरापुरम के ईरोज मॉल, डी मॉल, जयपुरिया मॉल और शिप्रा मॉल में स्थित कई रेस्टोरेंट शामिल हैं।
इसके अलावा वसुंधरा सेक्टर-3 स्थित द क्लाउड इन होटल ग्रैंड वैली में भी अग्निशामक प्रणाली की जांच की गई। परीक्षण के दौरान कई प्रतिष्ठानों में अग्निशामक उपकरण, अलार्म प्रणाली, हाइड्रेंट, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर और निकासी मार्ग की स्थिति का विस्तृत आंकलन किया गया।
इस दौरान रजवाड़ा फार्म हाउस, खुमारी रेस्टोरेंट (ईरोज मॉल, इंदिरापुरम) और शगुन स्वीट्स रेस्टोरेंट (आरडीसी, राजनगर) में अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं में कमी पाई गई, जिसके बाद संबंधित संचालकों को कमियां दूर करने और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए गए। अभियान के दौरान मौजूद कर्मचारियों को फायर एक्सटिंग्विशर और अन्य अग्निशामक उपकरणों के संचालन का संक्षिप्त प्रशिक्षण भी दिया गया।
अधिकारियों ने आग से होने वाली जन-धन हानि के बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया। साथ ही सभी भवन स्वामियों को विद्युत सुरक्षा प्रणाली का ऑडिट कराने, अग्निशामक सिस्टम को हमेशा ‘ऑटो मोड’ में और कार्यशील अवस्था में रखने तथा सभी निकासी मार्गों को अवरोध-मुक्त रखने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। अग्निशामक विभाग ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके और सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।