क्या आप घुटनों में दर्द और सूजन से परेशान हैं? आयुर्वेद के इन नुस्खों से पाएं तुरंत राहत!

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क्या आप घुटनों में दर्द और सूजन से परेशान हैं? आयुर्वेद के इन नुस्खों से पाएं तुरंत राहत!

सारांश

घुटनों में दर्द और सूजन एक सामान्य समस्या बन गई है। जानें कैसे आयुर्वेदिक उपायों से आप इससे राहत पा सकते हैं। अपने जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

Key Takeaways

  • आराम और बर्फ से राहत मिलती है।
  • आहार में ओमेगा-3 शामिल करें।
  • घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी वाला दूध लाभकारी हैं।
  • नियमित व्यायाम और योग करें।
  • घरेलू मालिश से रक्त संचार बढ़ता है।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। घुटनों में दर्द और सूजन आज की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन चुकी है। जीवनशैली में परिवर्तन, गलत खान-पान, मोटापा, उम्र बढ़ने और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारण हैं। पहले यह समस्या केवल वृद्धों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

घुटनों का दर्द न केवल चलने-फिरने में बाधा डालता है, बल्कि दैनिक कार्यों को भी कठिन बना देता है। लगातार दर्द और सूजन से जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और व्यक्ति मानसिक तनाव का सामना कर सकता है। इसलिए, इसकी उचित देखभाल और घरेलू आयुर्वेदिक उपायों का अपनाना अत्यंत आवश्यक है।

तुरंत राहत के लिए सबसे प्रभावी तरीका है आर.आई.सी.ई.आराम, बर्फ, दबाव और ऊँचाई

घुटनों को आराम देना, बर्फ की 15-20 मिनट तक सिकाई करना, हल्का इलास्टिक बैंडेज बांधना और पैरों को ऊँचाई पर रखकर आराम करना सूजन और दर्द को काफी हद तक कम कर देता है।

यदि सूजन कम है और जकड़न अधिक है तो गर्म पानी से सिकाई करना भी लाभकारी है, विशेषकर गठिया और मांसपेशियों की अकड़न में। इसके अलावा, हल्की स्ट्रेचिंग और व्यायाम जैसे क्वाड्रिसेप्स को मजबूत करना, लेग रेज और हील स्लाइड वैज्ञानिक रूप से घुटने के दर्द से राहत देने में सहायक पाए गए हैं।

आहार में सुधार भी घुटनों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, अखरोट और मछली सूजन और दर्द को कम करते हैं। वहीं, यदि यूरिक एसिड की समस्या है, तो दाल, मांस और अल्कोहल से परहेज करना चाहिए। आयुर्वेदिक तेल जैसे महा नारायण तेल, विशगर्भ तेल, धन्वंतरम तेल या पंचगुण तेल से हल्की मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है और दर्द व जकड़न से आराम मिलता है।

घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे भी लंबे समय तक राहत देते हैं। हल्दी वाला दूध प्राकृतिक रूप से दर्द और सूजन को कम करता है, क्योंकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखता है। मेथी के दानों को रातभर भिगोकर सुबह चबाने से जोड़ों का दर्द और अकड़न दूर होती है। लहसुन में मौजूद औषधीय गुण घुटनों की सूजन घटाते हैं, खासकर जब इसे घी में भूनकर खाया जाए। गर्म तिल या सरसों का तेल से मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और दर्द घटता है। वहीं, अदरक और तुलसी की चाय रोज पीने से भी सूजन और दर्द से काफी राहत मिलती है।

आयुर्वेदिक औषधियां जैसे योगराज गुग्गुल, महारास्नादि काढ़ा और अश्वगंधा चूर्ण भी चिकित्सक की सलाह से सेवन करने पर लाभकारी हैं। इसके अलावा, वजन नियंत्रित रखना, नियमित योग और व्यायाम करना जैसे वज्रासन, ताड़ासन और पवनमुक्तासन करना, तैलीय और जंक फूड से परहेज करना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना घुटनों को स्वस्थ रखने के सरल उपाय हैं।

Point of View

जो न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि समाज पर भी इसका व्यापक असर होता है। आज की तेज़ी से बदलती जीवनशैली में इसे अनदेखा करना संभव नहीं है। सही जानकारी और उपायों के माध्यम से, हम इस समस्या का सामना कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

घुटनों में सूजन के क्या कारण हैं?
घुटनों में सूजन के प्रमुख कारणों में गलत खान-पान, मोटापा, बढ़ती उम्र और शारीरिक गतिविधियों की कमी शामिल हैं।
क्या आयुर्वेद घुटनों के दर्द में मदद कर सकता है?
हां, आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपचार हैं जो घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
क्या घरेलू उपाय भी काम करते हैं?
बिल्कुल! हल्दी वाला दूध, मेथी और अदरक के घरेलू उपाय घुटनों के दर्द में राहत देने में मदद करते हैं।
कितना व्यायाम करना चाहिए?
नियमित व्यायाम, जैसे योग और हल्के स्ट्रेचिंग, घुटनों की सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
आहार में क्या बदलाव करना चाहिए?
ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और यूरिक एसिड की समस्या होने पर दाल, मांस और अल्कोहल से परहेज करना चाहिए।