क्या ओबीसी का हक छीने बिना मराठा को मिलेगा आरक्षण? मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल

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क्या ओबीसी का हक छीने बिना मराठा को मिलेगा आरक्षण? मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल

सारांश

क्या ओबीसी का हक छीने बिना मराठा समाज को आरक्षण मिलेगा? महाराष्ट्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। जानिए राधाकृष्ण विखे पाटिल ने क्या कहा और इस प्रक्रिया के पीछे की जानकारी।

Key Takeaways

  • ओबीसी आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होगी।
  • मराठा समाज के लिए आरक्षण की प्रक्रिया जारी है।
  • गांव स्तर पर वंशावली समितियां बनाई गई हैं।
  • कुणबी प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
  • सरकार का निर्णय स्थिर और दृढ़ है।

शिरडी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ओबीसी आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ किए बिना मराठा समाज को आरक्षण प्रदान किया जाएगा। यह नीति मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने फिर से स्पष्ट की और कहा कि सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय पर वे पूरी तरह से स्थिर और दृढ़ हैं। किसी भी स्थिति में इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाएगा।

राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि सरकार की ओर से मराठा आरक्षण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और इस दिशा में मराठा समाज के लोगों के साथ लगातार संवाद जारी है। विशेष रूप से मनोज जरांगे पाटिल के साथ बातचीत चल रही है, जिन्हें सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा।

साथ ही, मंत्री ने यह भी बताया कि मराठा समाज के वंशावली निर्धारण के लिए गांव स्तर पर समितियां बनाई गई हैं। ये समितियां गांवों में रहने वाले लोगों के उपनाम (आडनाव) के आधार पर वंशावली तय करेंगी। यदि किसी गांव में लगभग 80 प्रतिशत लोग एक ही उपनाम से संबंधित हों और वहां चार व्यक्तियों को ‘कुणबी प्रमाणपत्र’ मिल चुका हो, तो बाकी लोगों को भी उनकी वंशावली की जांच के बाद कुणबी प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह कदम मराठा समाज के लोगों को उनकी पहचान और आरक्षण लाभ दिलाने में मदद करेगा।

ज्ञात हो कि मराठा आरक्षण का उद्देश्य मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के रूप में वर्गीकृत करके उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करना है। हालांकि, कई ओबीसी नेता और समुदाय के लोग इसके विरोध में हैं, क्योंकि इससे ओबीसी समुदाय को मिलने वाला आरक्षण कम होने की आशंका है।

वहीं, केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्री अमित शाह की आगामी यात्रा भी राज्य में चर्चा का विषय है। वे शिर्डी में रात्रि विश्राम के बाद रविवार को लोणी और कोपरगांव में विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान महाराष्ट्र के राज्य मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल भी मौजूद रहेंगे, जो मराठा आरक्षण समेत अन्य विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

Point of View

यह आवश्यक है कि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों के अंतर्गत सभी समुदायों को उचित मौका मिले। मराठा आरक्षण का मुद्दा जटिल है और इसके प्रभाव ओबीसी समुदाय पर भी पड़ सकते हैं। सरकार को इस मामले में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या ओबीसी आरक्षण में बदलाव होगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ओबीसी आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
मराठा आरक्षण का उद्देश्य क्या है?
मराठा आरक्षण का उद्देश्य मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के रूप में वर्गीकृत करके सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करना है।
क्या मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कोई आश्वासन दिया है?
हां, मंत्री ने कहा है कि मराठा समाज के लोगों के साथ लगातार संवाद जारी है और उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा।